तीन दिवसीय आयुर्वेद सम्मेलन का दूसरा दिन , 40 आयुर्वेदिक कंपनियों ने लगाया स्टॉल 

विश्वपति 

पटना। राजगीर में चल रहे तीन दिवसीय आयुर्वेद सम्मेलन में लोगों का मुफ्त इलाज हो रहा है। प्राय सभी बीमारियों के जाने-माने विशेषज्ञ वैद्य यहां आए हुए हैं। जिसका लाभ आम लोगों से लेकर गरीब लोगों को भी हो रहा है।
इसमें पूरे देश के डेढ़ हजार आयुर्वेद के जानकार व विशेषज्ञ शामिल हैं। तीन दिवसीय अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मलेन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं। इसे आयुर्वेद पर्व का नाम दिया गया है। सम्मेलन में आयुर्वेद आहार द्वारा पोषण विषय पर 30 से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र पढ़ रहे हैं। इनमें वैद्य सीवी झा, वैद्य ब्रजेश मिश्र, वैद्य अनूप कुमार, वैद्य नर्मदा जोशी व अन्य शामिल हैं। इसके लिए इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में सारी कार्यवाही चल रही हैं। इसके लिए कन्वेंशन सेंटर में देश की विभिन्न राज्यों की नामी-गिरामी 40 आयुर्वेदिक कंपनियों ने स्टॉल लगाये हैं।
संयोजक मंडली के सदस्य व महासम्मेलन के ओएसडी वैद्य अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने सम्मेलन के दूसरे दिन आज यहां बताया कि सम्मेलन में केन्द्रीय आयुष सचिव डॉ। सोनेवाल कोटेचा, परामर्शदाता डॉ। मनोज नेसरी, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्म भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा शामिल हुए हैं।

बता दें की इस सम्मेलन में महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा, ओडीशा सहित अन्य राज्यों के डेलिगेट शामिल हैं।
आयुर्वेद स्वस्थ रहने का तरीका बताता है। बेहतर खान-पान जरूरी है। मौसम के बदलाव से कई रोग होते हैं। इसे आयुर्वेद से ठीक किया जा सकता है। बेहतर आहार से ही बेहतर स्वास्थ्य बनता है। इस सम्मेलन में नाड़ी रोग विशेषज्ञ वैद्य ताराचंद शर्मा भी शरीक हैं। इसके अलावा भारत सरकार आयुर्वेद आयोग के चेयरमैन वैद्य जयंत देव पुजारी, निदेशक डॉ। राकेश शर्मा भी शामिल हैं।
बिहार आयुष सम्मेलन के अध्यक्ष धनंजय शर्मा व महामंत्री डॉ। राजीव कुमार ने बताया कि कल तक सभी तरह की बीमारी का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। फ्री में दवाइयां भी दी जा रही हैं। साथ ही, स्वस्थ रहने की जानकारी दी जा रही है। इलाज के लिए लोग सुबह 10 से शाम के छह बजे तक एंट्री पा रहे हैं।
13 दिसंबर तक आयोजित इस आयुर्वेद पर्व में 1500 आयुर्वेद विशेषज्ञ शामिल हैं. इसमें आयुर्वेद औषधि से लेकर आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई.
कल इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहला कार्यक्रम राजगीर का चयन किया गया। यह बहुत बड़ी बात है। राजगीर एक ऐतिहासिक भूमि है। कोई मामूली चीज नहीं है।
यहां आकर आप लोगों कार्यक्रम कर रहें है बहुत बडी बात है। राजगीर की भूमि महत्वपूर्ण है। यहां पर आयुर्वेद का महत्व काफी पुराना है। भगवान बुद्ध यहां आते थे। उनको देखने वाले आयुर्वेद चिकित्सक यहीं थें। आयुर्वेद को बढ़ावा देने का काम चल रहा है। यहां के बारे में बता दें कि हमारे पिता जी भी वैद्य थें, भाई भी वैद्य हैं। आयुर्वेद के बारे में एक एक बात जो हम बचपन से देखते आयें है। इसलिए आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए जो काम चल रहा है, उससे बढ़िया कुछ हो ही नहीं सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के तीसरी लहर के लिए हमलोग पूरी तरह से तैयार है।इस कोरोना काल में आर्युवेद की मदद से भी बहुत लोगो को फ़ायदा हुआ है।
मंगल पांडेय ने कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली महसूस करते है जो कि ऐसे नेतृत्वकर्ता के साथ काम करने का मौका मिला जिनके सोंच में सिर्फ विकास है। जब हम स्वास्थ्य मंत्री बनने थें तब राज्य में 11 मेडिकल कॉलेज था और आज 20 मेडिकल कॉलेज है अगले चार साल में बिहार में 31 मेडिकल कॉलेज होगा।

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