सरकार को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने तथा उसका राज्य का दर्जा बहाल करने का भी आदेश
पटना के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी बहुत बधाई
सुभाष निगम/विजय शंकर
नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है । देश के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को सही बताते हुए इसे संवैधानिक रुप से वैध बताया है। कोर्ट की संविधान पीठ ने इस बड़े फैसले पर कहा कि राष्ट्रपति के पास धारा 370 पर फैसला लेने का अधिकार है और राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती है । सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ में जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे ।
इधर पटना के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करके कहा, देश के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को सही बताया है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी है ।
पांच सदस्यीय पीठ ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि इसे अस्थायी तौर पर लाया गया था मगर इसे परिस्थितियों के बीच हटाया नहीं जा सका था । सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस अहम फैसले में सरकार को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने तथा उसका राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भी आदेश दिए हैं।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर संवैधानिक पीठ का फैसला आना था और पूरा देश इंतजार कर रहा था । चीज जस्टिस आफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड ने अहम फैसला देते हुए कहा कि राजा हरि सिंह द्वारा भारत विलय के समझौते के बाद ही राज्य की संप्रुभता समाप्त हो गई थी । जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहां पर भारत का संविधान ही चलेगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 पर राष्ट्रपति को फैसला लेने का अधिकार है । अनुच्छेद 356 में राष्ट्रपति की शक्तियां लिखी हुई हैं और उनकी संवैधानिक शक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि धारा 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसे हटाया जा सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 को हटाए जाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को भी सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 370 को हटाने का फैसला जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए फैसला था। भारत को जोड़ने की प्रक्रिया इससे मजबूत हुई है। इसलिए 5 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा राज्य से धारा 370 को हटाए जाने का फैसला बना रहेगा।
कोर्ट ने कहा कि धारा 370 को बेअसर कर जम्मू कश्मीर को नई व्यवस्था की जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में 27 याचिकाएं दायर की गई थी। सभी पर सुनवाई के बाद सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना सरकार का सही निर्णय है ।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन,दुष्यन्त दवे, गोपाल शंकरनारायणन, जफर शाह अधिवक्ता के रूप में पेश हुए जबकि केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी और वी गिरी जैसे वकीलों ने पक्ष रखा ।
A great victory on Article 370 and a great hope for the people of Kashmir for inclusive development. Very proud of the leadership of Prime Minister Shri @narendramodi Ji for taking such a courageous decision. I also compliment Home Minister Shri @AmitShah ji for a job well done…
— Ravi Shankar Prasad (Modi ka Parivar) (@rsprasad) December 11, 2023
इधर पटना के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करके कहा, देश के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को सही बताया है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत बधाई है । उन्होंने कहा , यह बहुत बड़ी जीत है और इससे जम्मू कश्मीर के लोगों का विकास भी होगा । इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के लिए बड़े गौरव की बात है कि उन्होंने हिम्मत वाला फैसला लिया था ।
इसके साथ ही उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह को भी बधाई देते हुए कहा , उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का फैसला लेकर बड़ा फैसला लिया था जिसके लिए देश उन्हें सदैव याद रखेगा ।