बिमल चक्रवर्ती

धनबाद: देखरेख और पालन पोषण के अभाव में आज बच्चे अनजाने रूप से नशा का शिकार हो जा रहे हैं, और विभिन्न तरह के नशीली दवाओं और रसायन का उपयोग करने लग रहे है। जिस पर झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार ने गंभीर चिंता जताई और नशे के शिकार बच्चों के उचित देखभाल के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देशित किया है। झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार ने हर जिले में इसके लिए यूनिट बनाने का निर्देश दिया है । झालसा के निर्देश पर सोमवार को धनबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा द्वारा नशा मुक्ति के लिए झालसा द्वारा बनाए गए कार्यक्रम वात्सल्य के क्रियान्वयन के लिए यूनिट बनाने का निर्देश दिया गया। निर्देश के आलोक में अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा निताशा बारला ने सोमवार को एनजीओ योजना के सचिव संतोष विकराल, डॉ. विकास कुमार राणा, सामाजिक कार्यकर्ता महेश्वर रवानी, डालसा के पैनल अधिवक्ता संदीप कुमार, स्वाति कुमारी और डालसा के पीएलभी हेमराज चौहान की एक टीम गठित की तथा उनके साथ बैठक कर उन्हें उचित दिशा निर्देश दिया। इस बाबत जानकारी देते हुए न्यायाधीश श्रीमती बारला ने कहा कि वात्सल्य योजना के तहत एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें उपरोक्त पदाधिकारी सर्वप्रथम नशा के शिकार बच्चों की पहचान करेंगे। बच्चों को उचित देखभाल के लिए उन्हें नशा विमुक्ति केंद्र में भर्ती कराया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें विद्यालयों में दाखिला भी दिलाया जाएगा।

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