श्रम मंत्रालय के नियमो को ताख पर रख दे दिया फर्जी कंपनी को ठेका
नवराष्ट्र मिडिया ब्यूरो
पटना । बड़ी संख्या में सरकारी विभागों में नियुक्तियां आउटसोर्सिंग एजेंसियों के जरिए की जा रही हैं। इन एजेंसियों की न तो कोई स्पष्ट भर्ती प्रक्रिया है और न ही चयनित कर्मियों के मानदेय भुगतान की कोई पुख्ता व्यवस्था है। निश्चित समय के लिए की जाने वाली इन भर्तियों में नवीनीकरण के नाम पर अलग खेल चलता है।
मामला सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार के सर्वेक्षण कार्यालय से जुड़ा है जहाँ संविदा पर बहाल कर्मचारियों को रोमन टेक्नॉलजी तथा जी ए डिजिटल कंपनी ने सैकड़ो युवाओं को राष्ट्रीय सांख्यकी सर्वेक्षण कार्यालय के ईस्टर्न जोन बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा
में पाँच सौ से अधिक युवाओं को बहाल किया फिर मनमानी तरीके से धीरे-धीरे सैकड़ो युवाओं को नौकरी से निकाल दिया गया।
इस मामले की जानकारी देते हुए आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग के कार्यालय से बिना बजह नौकरी से निकाले गए बेरोजगार युवाओं ने संपर्क कर बताया कि रोमन टेक्नॉलजी (बैंगलोर) एवं जी ए डिजिटल कंपनी (दिल्ली) ने पहले भारत सरकार के कार्यालय में नौकरी लगाने के नाम पर मोटी रकम की बसूली किया, जिसकी जानकारी काफी गुप्त रखी गई। जहां कंपनी और अधिकारियों के मिलीभगत से चुनींदा लोगों को बहाल किया गया है।
उसके बाद संविदा पर बहाल कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक रूप से उत्पीड़न किया जाता है।
उन्होंने बताया कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार ने श्रम मंत्रालय के नियमों को तक पर रखकर ऐसे कंपनी को मैनपावर सप्लाई करने का ठेका दिया गया है जिनके पास लेवर लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन नही है।
बबलू ने बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना में पदस्थापित सहायक केंद्रीय श्रम आयुक्त डी.के सिंह से संपर्क कर जानकारी प्राप्त किया। श्री सिंह ने बताया कि छठनिग्रस्त कर्मियों ने श्रम विभाग के समाधान पोर्टल पर आवेदन दिया है। जिसकी सुनवाई चल रही है। प्रथम द्रष्टया पता चलता है कि दोनों कंपनियां, श्रम विभाग से रजिस्टर्ड नही है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कार्यालय या उपक्रम में मैनपावर सप्लाई करने से पूर्व श्रम विभाग से लेबर लाइसेंस लेना अनिर्वाय है।
बबलू ने कहा कि केंद्र व बिहार सरकार, आउटसोर्सिंग कंपनियों की दादागीरी खत्म करने के लिए जरूरी उपाय करें। उन्होंने कहा, बिहार एवं केंद्र सरकार के अधिकतर कार्यालयों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि आउटसोर्सिंग कंपनी पर सेवायोजन विभाग के अधिकारी पूरी तरह मॉनीटरिंग रखे। भर्ती किए गए एक-एक कर्मचारी का रिकार्ड वेबसाइट पर ऑनलाइन की जाए। उनको पूरा वेतन मिले और बगैर ठोस कारण के कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला जा सके।