एक देश एक चुनाव का मॉडल चुनाव मुक्त भारत बनाने का षड्यंत्र है
इंडिया की बैठक से राज्यस्तर पर सीटों के तालमेल पर बनी है सहमति
नव राष्ट्र मीडिया
पटना ।
भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने दोबारा यह कहा है कि नोटबंदी के बाद अब नामबंदी की साजिश चल रही है. देश का संविधान साफ कहता है इंडिया दैट इज भारत. लेकिन अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से पत्र जारी किए जा रहे हैं. देश का नाम बदलने का यह पागलपन हमें हंसी का पात्र बनाएगा. मोदी शासन अराजकता और आपदा का निर्बाध शासन रहा है. इंडिया अर्थात् भारत को इस विपत्तिपूर्ण शासन से हर हाल में बचाना होगा.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि.’एक देश, एक चुनाव’ का नारा चुनाव मुक्त भारत की ओर ले जाने वाली राह है. यह लोकतंत्र के साथ मजाक है. आनन-फानन में एक कमिटी बना दी गई, जिसमें विपक्ष के एक नेता को भी शामिल नहीं किया गया. संसद का विशेष सत्र भी बिना विचार-विमर्श के बुला लिया गया है. लॉ कमीशन और कई अन्य विशेषज्ञों की राय में यह एक जटिल मसला है जिसमें काफी संविधान संशोधन करना पड़ेगा. दरअसल यह संविधान की बुनियाद के खिलाफ है. भाजपा चुनावों में खर्च का हवाला दे रही है लेकिन सबसे ज्यादा खर्चा तो भाजपा ही करती है.
एक देश एक चुनाव का मॉडल कश्मीर का मॉडल है. विगत 5 सालों से कश्मीर में चुनाव ही नहीं हुआ. आज हम देख रहे हैं कि भाजपा राज्यों में लगातार चुनाव हार रही है. वे किसी भी तरीके से चुनाव जीतना चाहते हैं. चुनावों में कटौती जनता के अधिकारों व लोकतंत्र पर सीधा हमला है.
मुंबई में इंडिया की लगतार तीसरी सफल बैठक हुई. इंडिया का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसमें 5 ग्रुप का निर्माण हुआ है. कंपेन, मीडिया व सोशल मीडिया की कमिटी में भाकपा-माले की ओर से क्रमशः रवि राय, सुचेता डे और अरूण कुमार शामिल किए गए हैं.
2 अक्टूबर से पूरे देश में इंडिया के बैनर से कंपेन की शुरूआत होगी. आने वाले दिनों में न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर आंदोलन होंगे.
मुंबई की बैठक के फैसले के अनुसार राज्य स्तर पर सीटों की शेयरिंग होने वाली है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद व माले के बीच के तालमेल से एक नए चुनावी केमिस्ट्री की शुरूआत हुई थी. माले के प्रभाव वाले इलाकों मगध, शाहाबाद और सारण में महागठबंधन ने निर्णायक बढ़त हासिल की थी. उससे निकली संभावनाओं की दिशा में यदि आगे बढ़ा जाए तो 2024 के चुनाव में भाजपा को बिहार में निर्णायक शिकस्त मिलेगी.
भाकपा-माले ने लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर अपना एक प्रस्ताव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद यादव को विगत 4 सितंबर को भेजा है. उम्मीद है कि सीटों की शेयरिंग जल्द ही हो जाएगी.