आरक्षण विरोधी भाजपा के तमाम प्रयास होंगे विफल: उमेश सिंह कुशवाहा
अति पिछड़ा वर्ग के लिए नीतीश सरकार ने लगातार उठाए हैं महत्वपूर्ण कदम
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : जिला मुख्यालयों पर 13 अक्टूबर 2022 को होगा ‘‘आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल’’ कार्यक्रम
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश जी की सरकार ने 2005 से ही अति पिछड़ा वर्ग को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय दिलाने हेतु अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं एवं विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया है। जदयू भाजपा के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब करने और इस मुद्दे पर उसके द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 को हर जिला मुख्यालय पर ‘‘आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल’’ कार्यक्रम करेगी।
उन्होंने कहा कि अति पिछड़े वर्ग के विकास के लिए आवश्यक है कि उन्हें नीति निर्धारण की प्रक्रियाओं में शामिल किया जाए और इसी के तहत 2007 से ही हमारी सरकार नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी प्राप्त हुई। बिहार में 2007 के पश्चात हुए सभी चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए जाते रहेस परंतु अति पिछड़ा वर्ग विरोधी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हाल में हो रहे नगर निगम चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण का विरोध किया जिस कारण चुनाव प्रक्रिया में बाधा आई परंतु हमारी सरकार अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक उत्थान के लिए दृढ़ संकल्प है। हम लोग अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि हम अति पिछड़ा वर्ग को न्याय दिलाने में सफल होंगे।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि भाजपा अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने की विरोधी है, इस कारण भाजपा वालों ने ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और निर्लज्जता की हद यह है कि अब उल्टा हम पर ही अति पिछड़ा के हक मारी का अनर्गल आरोप लगा रही हैंस वास्तव में भाजपा पार्टी ही झूठ और फरेब की पार्टी है जिसे अब बिहार सहित पूरे देश के लोग जान- समझ चुके हैं। भाजपा कभी भी दलित, महादलित, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं के हितों को कुचलने से बाज नहीं आती। नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को 20ः आरक्षण दिए जाने पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के फैसले के विरुद्ध शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय में बिहार सरकार द्वारा स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया जाएगा, सरकार की ओर से इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। क्योंकि हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बिना निकाय चुनाव संभव ही नहीं। उधर भाजपा हाईकोर्ट के फैसले पर लगातार भ्रम फैलाने की नापाक कोशिश कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे नेता श्री नीतीश कुमार जी ने अतिपिछड़ा वर्ग के हितों से कभी कोई समझौता न किया है और ना करेंगे। वो अतिपिछड़ा वर्ग के अधिकार और सम्मान की रक्षा करने के लिए कटिबद्ध हैं। पूरे देश में बिहार अकेला राज्य है जिसने लोअर में अतिपिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान किया है। दूसरी ओर आरक्षण विरोधी भाजपा इस मामले में बिहार की जनता को उलझाने के तहत आयोग बनाने की बात कर रही है। जबकि बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग चिन्हित है उनका असली मकसद आरक्षण को खत्म करना रहा है। हम लोग शुरू से पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा की केन्द्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया। नीतीश सरकार अपने संसाधनों से जातीय गणना करवा रही है। ज्ञात है कि 2015 बिहार विधानसभ चुनाव के समय ही आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने की वकालत कर चुके हैं और वर्तमान परिस्थिति उसी की एक कड़ी है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भाजपा के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब करने और इस मुद्दे पर उसके द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए जदयू गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 को हर जिला मुख्यालय पर ‘‘आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल’’ कार्यक्रम करने जा रही है। उस दिन पार्टी के सारे नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अपने-अपने जिला मुख्यालय में धरना का आयोजन कर भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करेंगे।