शाहाबाद ब्यूरो
आरा।नए,शिक्षित और युवा उम्मीदवारों को जाति, धर्म से ऊपर उठकर मतदाताओं ने विजयी बनाकर
भोजपुर जिले के पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की नींव को मजबूत कर दिया है और समाज के सबसे निचले स्तर के लोकतंत्र को स्वस्थ और समृद्ध बनाने जैसे क्रांतिकारी कदम उठाकर इतिहास रचने की पृष्ठभूमि भी तैयार कर दी है।
पंचायतो के चुनाव में गांव की सरकार बनाने और सरकार बनाकर गांवों का विकास करने का वादा कर अपनी स्वार्थपूर्ति तक ही ग्रामीण राजनीति को समेट देने वाले करीब अस्सी प्रतिशत जनप्रतिनिधियो को जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
इस बार के चुनाव में मतदाताओं ने पंचायतो और जिला परिषद क्षेत्रो में जनता का काम ईमानदारी से करते हुए क्षेत्र में विकास की रौशनी बिखेरने वाले जनप्रतिनिधियो को रिपीट करते हुए उन्हें पुनः काम करने का मौका भी दिया है।
ऐसे जनप्रतिनिधियो की संख्या तो कम है किंतु करीब बीस प्रतिशत मुखिया और त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।
पंचायत चुनाव के महासमर में भोजपुर ने युवा और शिक्षित वर्ग को भी लोकतंत्र के महापर्व में क्षेत्रीय विकास की अगुआई करने का अवसर देकर क्रांति की मशाल भी जलाई है।
भोजपुर जिले के कोइलवर के जिला परिषद क्षेत्र संख्या 30 से जब एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली युवा उम्मीदवार के तौर पर परिधि गुप्ता ने पंचायत चुनाव में जिला परिषद का चुनाव लड़ने का फैसला किया तब उन्हें भी पता नही था कि जातीय राजनीति के धुरी बन चुके बिहार में यहां के मतदाता शिक्षित और युवा वर्ग को अपना जनप्रतिनिधि निर्वाचित कर बिहार में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कर देंगे।
एमबीए की छात्रा के रूप में प्रबन्धन की पढ़ाई पूरी कर परिधि ने वर्ष 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला परिषद सदस्य के पद पर चुनाव जीत कर समाज मे बदलाव का संदेश दे दिया है।
चुनाव के दौरान मिले अपार समर्थन का अनुभव साझा करते हुए उन्होंने गुरुवार को देशप्राण के शाहाबाद ब्यूरो सह विशेष संवाददाता से एक विशेष भेंट में कहा कि वे अपने कुशल प्रबन्धन के बल पर गावो के विकास को लेकर एक मास्टर प्लान तैयार करेंगे और योजनाबद्ध तरीके से सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतार कर जिला परिषद क्षेत्र से जुड़े गांवों को विकास की रौशनी से जगमग करेंगी।
नवनिर्वाचित युवा जिला परिषद सदस्य परिधि कहती हैं कि अब तक के जनप्रतिनिधियो के पास गांवों के विकास के लिए कोई सकारात्मक सोच देखने को नही मिली और न ही कोई ठोस कार्य योजना पर काम करने की इच्छा शक्ति ही देखने को मिली है।
जिला परिषद सदस्य परिधि कहती हैं कि जागरूकता के अभाव में गांवों के लिए बनी योजनाएं या तो धरातल पर अधूरी रह जाती हैं या पूरी तरह फ्लॉप कर जाती हैं।
ऐसे में गांवों में बदलाव की बयार बहाने और शिक्षित युवाओ को सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्रो में आगे आने के मकसद से से उन्होंने जिला परिषद के चुनाव में चुनाव लड़ने का फैसला किया।उन्हें युवाओ और सकारात्मक सोच वाले मतदाताओं का भरपूर साथ और समर्थन मिला।नतीजा हुआ कि वे चुनाव जीत गई और अब गावो के विकास को लेकर कार्य योजना तैयार में जुट गई हैं।
परिधि का कहना है कि शिक्षित उम्मीदवार अगर पंचायती राज व्यवस्था में किसी पद पर चुनाव जीत कर आते हैं तो वे आईएएस अधिकारियों सहित जिले के सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठकर गांवों के विकास के लिए सरकार की आने वाली योजनाओं को गांवों तक पहुंचाने में पूरी तरह सफल होंगे।
गांवों के विकास के लिए जनहित से जुड़ी योजनाओं को भी धरातल पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।
उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि समाज के हर क्षेत्र में शिक्षित युवाओं को आगे आकर नेतृत्व संभालनी चाहिए तभी समाज बदलाव का वाहक बनेगा।
अपनी जीत से प्रसन्न नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य परिधि ने कहा कि शिक्षा,चिकित्सा,कृषि, शुद्ध पेयजल,सड़क, नली और नाली निर्माण जैसी कई क्षेत्रो में आगे बढ़कर वे काम करेंगी और क्षेत्र में क्रांति का मशाल जलायेंगी।
एमबीए की शिक्षा हासिल कर जिला पार्षद बनी परिधि की चर्चा पूरे जिले में हो रही है और सोशल मीडिया से लेकर अन्य प्लेटफार्म पर भी उनकी जीत के जश्न देखे जा रहे हैं।