विजय शंकर
पटना । कोरेाना संक्रमण के बढ़ते मामले भयावह तस्वीर पेश कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर की स्थापना की गई है जिसमें शिकायत या सुझाव के 1070 पर कॉल किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर कई ठोस कदम उठाए गए हैं। ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार से ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की मांग की जा रही है। अस्पतालों में लगातार बेड की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन इस बदहाली में इतना तय है कि यह सिर्फ अकेले स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बनाने से काम नहीं चलेगा। मदद चौतरफा करनी है तो लगना भी चौतरफ़ा होगा।
जिस प्रकार से संक्रमण के मामलों को लेकर सरकार की ओर से संजीदगी दिखाई जा रही है, उसी प्रकार की व्यवस्था अन्य संस्थानों की ओर से की जानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग चिकित्सीय काम कर रहा है तो नगर विकास विभाग मरीजों को चिकित्सीय सुविधाओं तक पहुंचाने में मदद करे। इसमें नगर विकास विभाग की मदद सूचना विभाग को भी करनी होगी, ताकि जनता को सही समय पर सही सूचना उपलब्ध हो। पटना में पटना नगर निगम को इस मामले में पहल करनी चाहिए।
अभी सबसे अधिक जरूरी संक्रमण के प्रभाव से लोगों को बचाना है। साथ ही, लोगों को सही जानकारी दिया जाना भी जरूरी है। इसके लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को सेंट्रलाइज कंट्रोल रूम की स्थापना करनी चाहिए। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते ही उन रोगियों को स्थानीय स्तर पर निर्मित कोविड केयर सेंटर की जानकारी दी जानी चाहिए। अगर मरीज की हालत नाजुक है, उसका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम है तो उन्हें अविलंब अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था नगर विकास विभाग व नगर निगम द्वारा की जानी चाहिए। इससे पहले सूचना विभाग अस्पताल से समन्वय स्थापित कर जरूरी जगह की व्यवस्था कर ले। इसके बाद अस्पताल पहुंचते ही इलाज शुरू हो सकेगा और मरीज व उनके परिजन राहत महसूस करेंगे। इसमें एम्बुलेंस भेजने से लेकर हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन तक की भूमिका कंट्रोल रूम ही निभाएगा। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि कंट्रोल रूम को सभी अस्पतालों की लाइव स्थिति मुहैया कराई जाए।
पिछली बार जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो हम सब पहली बार इस महामारी का सामना कर रहे थे। लॉकडाउन लगा था। लोग सतर्क थे। इसके बाद भी कोरोना के मामले काफी बढ़े थे। इस दूसरी लहर का मुकाबला हमें पहली लहर के अनुभवों के आधार पर करना है। हमें पता है कि इस महामारी का मुकाबला ट्रैकिंग, टेस्टिंग एंड ट्रीटमेंट से ही कर सकते हैं। ऐसे में नगर निगम जैसी इकाइयों को कोरोना संक्रमितों की ट्रैकिंग के कार्य में सरकार का सहयोग करना चाहिए। इससे रोगियों की पहचान कर समय पर टेस्टिंग व ट्रीटमेंट के जरिए हम संक्रमण को एक बार फिर पराजित कर देंगे।