अरवल ब्यूरो
कुर्था अरवल, श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य जी की प्रवचन की रसधार से माहौल भक्ति में समाया प्रखंड क्षेत्र के अहमदपुर हरणा पंचायत के लारी गांव में आयोजित हो रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने सातबे दिन रविबार को अपने प्रवचन में मानव के कर्मयोग की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी व्यक्ति को भगवान की शरण में भी जगह नहीं मिलता। स्वामी जी ने कहा कि अगर मनुष्य ईश्वर का शरणागत चाहता है तो उसे खुद के सम्मुख आलस्य को कभी फटकने नहीं देना होगा। कथा में उन्होंने पांडव और कृष्ण के मिलन के प्रसंग को विस्तार से रेखांकित करते हुए धर्म की महता पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने आखिर पांडवों का साथ क्यों दिया। उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पांडव धर्म के रास्ते पर चल रहे थे और कौरव अधर्म के रास्ते पर।उन्होंने कहा कि काल के आगे किसी का वश नहीं चलता। लेकिन अगर आप सच्चे मन से ईश्वर की शरणागत में चले जाते हैं तो काल भी आप से दूर रहना चाहता है।ब्रम्हा जी को उपदेश देने के लिए भगवान ने हंस का अवतार लिया। उन्होंने कहा कि 24 अवतार में एक अवतार का भी ध्यान करने पर प्राणी का कल्याण होगा। स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर की शरण में जाने के लिए मनुष्य को सदाचार की राह पर चलना होगा। सदाचार की राह पकड़ने के लिए सत्संग एक प्रभावी मार्ग है। उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहकर भी सदाचार व धर्म के नियमों का पालन किया जा सकता है। उन्होंने भौतिकता की मायाजाल से बचने के लिए श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्चे सुख व समृद्धि के लिए मनुष्य को सत्संग व सदाचार का सहारा लेना होगा। उन्होंने कहा कि भाैतिकता की माया काफी प्रचंड होती है। इससे मुक्ति के लिए संतों से ज्ञान प्राप्त कर सही मार्ग की खोज पूरी हो सकती है।ज्ञान यज्ञ में स्वामी जी के प्रवचन को सुनने के लिए दूरदराज के इलाकों से हजारों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष प्रतिदिन यज्ञ स्थल पर पहुंच रहे हैं। आयोजकों के द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। ज्ञान यज्ञ को लेकर गांव से इलाके तक माहौल में भक्ति की सुगंधि पसर रही है। पूरा माहौल धार्मिक व आध्यात्मिक हुआ है। शाम पांच बजे से ही यज्ञ मंडप में श्रद्धालु अपना स्थान सुरक्षित करने को पहुंच रहे हैं। देर रात तक स्वामी जी के प्रवचन के अमृत प्रवचनों की रसधार से पूरा माहौल भक्ति से सराबोर हुआ है।