बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को मुख्य चेहरा बनाने की कवायद के तहत तृणमूल कांग्रेस ने “बंगाल को अपनी बेटी चाहिए” स्लोगन की आधिकारिक शुरुआत शनिवार को कर दी है। पार्टी दफ्तर में नेता सुब्रत बख्शी में इसकी शुरुआत की ह। नए नारे के आगाज के मौके पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव मुश्किल नहीं है बल्कि काफी महत्वपूर्ण है। पूरा देश इस पर नजर गड़ाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी नारे के जरिए तृणमूल कांग्रेस जन जन तक पहुंचेगी।
इस नारे की आधिकारिक शुरुआत के बाद से ही सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस ने हैशटैग्स बंगाल को अपनी बेटी चाहिए को ट्रेंड कराना शुरू कर दिया है।

भाजपा का पलटवार
हालांकि तृणमूल कांग्रेस के इस नारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करना शुरू कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि ममता बनर्जी चाहे जितना नारा बना लें, लेकिन इसका कोई लाभ होने वाला नहीं है। बंगाल के लोगों ने उन्हें अलविदा करने का मन बना लिया है। इधर ममता बनर्जी के इस नए नारे के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने “बंगाल को दीदी से मुक्ति चाहिए” के नाम से नया ट्रेंड चलाना शुरू कर दिया है। सोशल साइट पर भाजपा नेता सायंतन बसु, मुकुल रॉय समेत अन्य नेताओं ने ममता बनर्जी की सरकार की नाकामियों का उल्लेख करते हुए इस हैश टैग के साथ ट्रेंड कराना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि चुनाव की दहलीज पर खड़े पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर के साथ-साथ डिजिटल जरिए से भी प्रचार प्रसार जोर शोर से हो रहा है। विपक्षी पार्टियों ने बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान चला रखे हैं जिसके जरिए लोगों को ममता बनर्जी की खामियों से अवगत कराया जा रहा है। भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस सोशल मीडिया अभियान में पीछे नहीं है। अभी कुछ दिनों पहले ही बंगाल की गौरव दीदी के नाम से सोशल मीडिया अभियान चलाया गया था था जिसे बड़े पैमाने पर बड़ा जन समर्थन मिला था।

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