बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। लोकसभा में संबोधन के दौरान श्री राम मंदिर निर्माण के फैसले और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की आलोचना करने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ केंद्र सरकार स्वाधिकार हनन का नोटिस लाने जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री पहलाद जोशी ने इसकी अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण का फैसला और सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने विवादित बयान दिया है।
लोकसभा में इस तरह के बयान आपत्तिजनक हैं और इसके खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। संसदीय विधि की 121 नंबर धारा के मुताबिक लोकसभा तथा राज्यसभा में संबोधन के दौरान संसद सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट अथवा हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के सम्मान को ध्यान में रखना होता है। लेकिन सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद ज्ञापन सत्र के दौरान वक्तव्य रखते हुए महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई के खिलाफ विवादित बयान दिया। इससे संसदीय नियमों की अवहेलना हुई है।
उल्लेखनीय है कि गौरव गोगोई को लेकर महुआ ने कहा था कि यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे होने के बावजूद अपने खिलाफ ट्रायल अपने ही कोर्ट में चलाया था। इससे न्याय व्यवस्था लांछित हुई थी। इसके अलावा उन्हें मिलने वाली जेड प्लस की सुरक्षा और राम मंदिर के फैसले पर भी महुआ ने सवाल खड़ा किया था। हालांकि इस मामले में तृणमूल कांग्रेस भी बैकफुट पर है। दमदम से वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने इस संबंध में कहा कि किसी भी तरह का विवादित बयान सही नहीं होता है। हालांकि महुआ ने अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया है।