बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभालते ही ममता बनर्जी ने उन अधिकारियों पर भी गाज गिरानी शुरू कर दी है जो चुनाव के समय ममता बनर्जी के लिए आंखों की किरकिरी बन गए थे। चौथे चरण के चुनाव के दौरान सीतलकुची में हुई फायरिंग को लेकर मुख्यमंत्री का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एसपी को फंसाने का निर्देश पार्टी के उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रॉय को दे रही थीं। अब जबकि वह सीएम बनी हैं तो उन्होंने जिले के एसपी देवाशीष धर को सस्पेंड कर दिया गया है। धर की नियुक्ती चुनाव आयोग ने की थी। उनके पहले के कानन पुलिस अधीक्षक थे। एक बार फिर ममता सरकार ने उन्हीं को जिले की जिम्मेवारी सौंपी है। दरअसल जब के कानन एसपी थे तब जिले में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसे लेकर भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक ने कानन पर तृणमूल के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें हटाकर देबाशीष धर को इस पर नियुक्त किया था। चौथे चरण के मतदान वाले दिन सीतलकुची में फायरिंग हुई थी जिसमें ममता ने आरोप लगाया था कि सेंट्रल फोर्स ने केंद्र के इशारे पर गोली मारकर हत्या की है। जबकि एसपी के तौर पर देवाशीष ने जो रिपोर्ट दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सेंट्रल फोर्स की बंदूक छीनने की कोशिश की गई थी जिसकी वजह से आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी थी। उसके बाद ममता का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एसपी और थाना प्रभारी को फंसाने का निर्देश दे रही थीं। आप मुख्यमंत्री बनते ही देवाशीष का सस्पेंशन इसी का हिस्सा माना जा रहा है।