बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। आज कोविड-19 संकट ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस महामारी की चपेट में आने के बाद लोग डर और दहशत से या तो जांच नहीं करा रहे हैं या संक्रमित होने के बाद इतने घबरा रहे हैं कि हार्ड अटैक से अधिकतर लोगों की मौत होती जा रही है। इसके अलावा नकारात्मक मीडिया रिपोर्टिंग ने पूरे देश में दहशत और सामाजिक बहिष्कार का एक हैवानियत भरा माहौल बनाया है जिससे लोगों को बचाने के लिए हिन्दुस्थान समाचार ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए सकारात्मक खबरें देने का सिलसिला शुरू किया है। इसी कड़ी में मंगलवार को हमने बात की डॉ राजेश कुमार से। उन्होंने साफ-साफ कहा कि कोविड-19 महामारी को लेकर लेश मात्र भी घबराने की जरूरत नहीं है। इसकी चिकित्सा हो रही है और 95 फ़ीसदी लोग घर पर चिकित्सकीय सलाह के मुताबिक दवा खाकर ही स्वस्थ हो जा रहे हैं। पांच फ़ीसदी वे लोग हैं जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं और कोमोरबिडिटी की वजह से उन्हें अस्पताल आदि में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। उनमें भी अधिकतर लोग स्वस्थ हो जा रहे हैं। बहुत कम लोगों की मौत होती है। उन्होंने बताया कि जब महामारी के लक्षण नजर आए तो बिना देरी किए जांच कराकर संक्रमण की पुष्टि जरूरी है। इसके बाद ही कारगर इलाज हो सकेगा और बचाव की संभावना प्रबल होगी।

शारीरिक दूरी जरूरी पर सामाजिक बहिष्कार अपराध
– डॉ राजेश ने कहा कि भारत की सभ्यता और संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने वाली है। मुसीबत के समय में हम अपने पड़ोसियों के लिए मजबूत संबल बनकर खड़े हो सकते हैं। कोविड-19 से संक्रमित लोगों के सामाजिक बहिष्कार की आलोचना करते हुए डॉक्टर ने कहा कि यह एक सामाजिक अपराध की तरह है। ऐसा होना नहीं चाहिए। संक्रमित व्यक्ति या परिवार से शारीरिक दूरी जरूरी है लेकिन उनसे नैतिक दूरी नहीं बनाई जानी चाहिए। संक्रमित लोगों को अच्छे पड़ोसी की तरह संबल देने की जरूरत है। भले ही हम उनके करीब ना जाएं पर उनकी हर तरह से मदद कर सकते हैं। यह इंसानियत का तकाजा और वक्त की जरूरत है।
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सावधानी बचाव का सबसे कारगर उपाय
– राजेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी संक्रामक है और इसकी चपेट में आने के बाद बचने का सबसे बेहतर उपाय है सावधानी बरतना। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क और गल्व्स पहनना बेहद जरूरी है। शारीरिक दूरी भी जरूरी है। परिवार का कोई व्यक्ति संक्रमित होता तो इन तमाम प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें खाना पानी दिया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल होने वाले बर्तन को गर्म पानी से धोने की जरूरत है। कई घंटों तक उस बर्तन को बिना छुए छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर परिवार में कोई संक्रमित होता है तो घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है बल्कि बचाव उपायों को अपनाते हुए इस महामारी को चुटकी में मात दी जा सकती है। राकेश कुमार ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं तो बिना देरी किए चिकित्सकीय सलाह लीजिए और डॉक्टर की दी हुई दवाई का इस्तेमाल करिए। आप महामारी से जंग जीत जाएंगे।

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