बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। चक्रवात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। ममता बनर्जी के बर्ताव को लेकर केंद्र सरकार की ओर से नाराजगी जताए जाने के बाद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। शनिवार अपराह्न राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार की मानसिकता प्रतिहिंसा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मुझे अपमानित किया गया है। मेरे और मुख्य सचिव के खिलाफ कई ट्वीट किए गए। हमारी छवि धूमिल करने की कोशिश हुई। चक्रवात के बाद हालात का जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर सफाई देते हुए ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री दूसरे राज्य के दौरे पर आए थे इसलिए बंगाल भी आ गए। हम लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात भी की थी। मेरा पहले से कार्यक्रम प्रस्तावित था। उसके बाद पता चला कि प्रधानमंत्री आ रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय की ओर से मीडिया को गलत जानकारी दी गई है। हमारा हेलीकॉप्टर आकाश में 20 मिनट तक घूमता रहा था और केवल एक मिनट के लिए मुलाकात का वक्त दिया गया।
शुभेंदु अधिकारी की उपस्थिति को लेकर लगाए आरोप
– चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा बैठक में शुभेंदु अधिकारी को शामिल किए जाने को लेकर इशारे इशारे में नाराजगी जताते हुए ममता ने कहा कि मुझे पहले जानकारी दी गई थी कि केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बैठक होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे जाने के बाद पता चला कि नेता प्रतिपक्ष भी पहुंच गए हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा कि हम लोग चुनाव जीत गए हैं इसलिए हमारे साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है क्या?
भाजपा पर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि वह हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इस तरह से मेरा कोई अपमान नहीं कर सकता। जो जनादेश है उसे खुशी-खुशी स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को मीडिया के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि आप केवल मुझे नहीं बल्कि हमारे सचिव रैंक के अधिकारियों को भी परेशान कर रहे हैं। कई आईएएस अधिकारी परेशान हैं।
प्रधानमंत्री का पैर पकड़ने के लिए तैयार
– राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर निर्गत किए जाने संबंधी पत्र का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी अगर आपको मुझ से नाराजगी है तो बंगाल के लोगों के हित में मैं आपका पैर पकड़ने के लिए तैयार हूं लेकिन इस तरह का गंदा खेल बंद करिए। कृपा करके मुख्य सचिव के तबादले संबंधी चिट्ठी को वापस लीजिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अलापन बनर्जी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर निर्गत करने से पहले राज्य सरकार से मशविरा नहीं किया गया।
एक बार फिर बंगाली सेंटीमेंट का कार्ड खेलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव बंगाली हैं इसलिए उनसे नाराजगी है। बंगाल के लोगों से ही केंद्र सरकार को नाराजगी है।