भाजपा ने किया बंगाल बंद का आह्वान, राज्यपाल ने आयुक्त को किया तलब

बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की 108 नगर पालिकाओं में चुनाव रविवार को भारी हिंसा, विरोध प्रदर्शन, ईवीएम तोड़फोड़ और पुलिस पर बमबारी तथा पथराव के बीच संपन्न हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए सोमवार को 12 घंटे बंद का आह्वान किया है तो वहीं दूसरी ओर भारी हिंसा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य चुनाव आयुक्त को तलब किया है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि शाम 5:00 बजे तक कुल 76.51 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। मतदान शाम 6:30 बजे तक हुआ है इसलिए मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी कल शाम तक साफ हो पाएगी। चुनाव शुरू होने के पहले ही उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मेदनीपुर जिले में भारी हिंसा शुरू हो गई थी। जगह-जगह विपक्षी उम्मीदवारों पर हमले, भाजपा माकपा और कांग्रेस के पोलिंग एजेंट को मारकर मतदान केंद्र के अंदर से बाहर भगाने तथा मतदान करने जा रहे लोगों को डराने धमकाने के मामले सामने आने लगे थे। हर जगह विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए। कई तस्वीरें ऐसी सामने आईं जहां अपराधी किस्म के लोग बाइक लेकर मतदान केंद्र के आसपास हंगामा कर रहे थे जबकि पुलिस चुपचाप खड़ी तमाशा देख रही थी।

कमरहटी में भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पर हमले हुए। उन पर ईट पत्थर फेंके गए। यहां तक कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेता भी जब मतदान करने पहुंचे तो उन्हें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की। बाद में पुलिस की गाड़ी ने एस्कॉर्ट कर उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचाया। इसके अलावा सुबह के समय जब बहरामपुर के अधिकतर मतदान केंद्रों से कांग्रेस के पोलिंग एजेंट को मारपीट कर निकाल दिया गया था तो अधीर रंजन चौधरी उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा कर मतदान केंद्र के अंदर ले गए। खड़गपुर में पुलिस के सामने ही ईवीएम तोड़ दिए गए। दक्षिण 24 परगना के जयनगर में मतदान केंद्र के पास गोलीबारी हुई और कमरहटी में तो कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के संरक्षित अपराधियों ने एक घंटे तक इलाके में बाइक लेकर आपाधापी की। लोगों को डराने धमकाने के लिए बमबारी की और बूथ कैपचरिंग कर दूसरी पार्टियों के पोलिंग एजेंट को मारपीट कर भगा दिया। बाद में स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर जब अपराधियों का पीछा किया तो वे अपनी बाइक छोड़कर फरार हो गए। आरोप है कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने गुस्से में पुलिसकर्मियों को भी घेर लिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। यहां तक कि पुलिस की गाड़ी पलट दी गई। दक्षिण 24 परगना में एक महिला उम्मीदवार की साड़ी खोलने का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा जबकि बांकुड़ा और उत्तर 24 परगना में कथित तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं ने तृणमूल उम्मीदवार को जमीन पर पटक कर मारा पीटा है। चुनाव आयोग ने हिंसा की घटनाओं का संज्ञान लिया है और रिपोर्ट तलब की है लेकिन आरोप है कि दिनभर हिंसा और हंगामे के बाद जब विपक्षी नेता आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे तब किसी ने भी जवाब नहीं दिया। यहां तक कि पुलिस अधिकतर घटनाओं में मुक दर्शक की तरह खड़ी रही जिसके कारण विपक्ष प्रशासन और चुनाव आयोग पर तृणमूल की गुंडागर्दी के साथ मिलीभगत का आरोप लगा रहा है।

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