बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। अब शिवसेना ने बंगाल में चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि हिंदू वोट बैंक को बांटने के इरादे से यह निर्णय लिया गया है। दो दिन पहले ही ए आई एम आई एम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी बंगाल आए थे और राज्य में 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना चुके हैं। आरोप लगाया जा रहा था कि ओवैसी भाजपा की बी टीम हैं और बंगाल में वोट को बांटने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। तृणमूल के लोगों ने कहा था कि ओवैसी की भूमिका वोट कटवा की होगी। अब शिवसेना के इस तरह के संकेत देने के बाद मामला और दिलचस्प हो सकता है।
सूत्रों ने बताया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जल्द ही बंगाल का दौरा भी कर सकते हैं। कम से कम 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। वैसे महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद शिवसेना की छवि हिंदूवाद से धूमिल हुई है लेकिन बंगाल में आक्रामक प्रचार प्रसार होता है तो बहुत हद तक संभव है कि वोट काटा जा सके।
सूत्रों ने बताया कि राजधानी कोलकाता के साथ-साथ हुगली और दमदम समेत उत्तर और दक्षिण बंगाल के अन्य क्षेत्रों में पार्टी ने 100 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है। आगामी 29 जनवरी को लेकर बैठक होनी है जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी शिवसेना ने बंगाल में अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि लोगों ने उन्हें बहुत अधिक मत नहीं दिया था। लेकिन उससे कई जगहों पर भाजपा को नुकसान जरूर हुआ था। 15 सीटों पर शिवसेना ने लोकसभा चुनाव लड़ा था जहां चौथे पांचवें नंबर की पार्टी भी नहीं बन सकी थी। इसके पहले 2016 में भी शिवसेना ने 21 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई थी। हालांकि इस बारे में अभी तक पार्टी के किसी भी आधिकारिक प्रवक्ता ने कुछ भी साफ तौर पर कहने से इनकार किया है।*