2 फ़रवरी को गाँधी संग्रहालय में हुआ समाजसेवी विजय कुमार का भव्य नागरिक अभिनन्दन, बिहार भर के लोग आये 

तिरंगे की ताकत, युवाओं के जोश-सहयोग और अपने आत्मबल की बदौलत मै सम्पूर्ण भारत की पैदल यात्रा पूरा करने में कामयाब हो सका : समाजसेवी विजय कुमार  

तिरंगा ऐसा मंत्र है, ऐसा प्रतीक चिन्ह है ,जो देश को एकजुट बनाए रखने का साधन है : राजनीतिज्ञ-जेपी आंदोलन के नेता रघुपति जी

समाजसेवी विजय कुमार की तुलना महात्मा गाँधी से, 17200 किलोमीटर की पैदल यात्रा की बात आने वाली पीढ़ी स्वीकार करने में संदेह करेगी : प्रोफेसर एनके चौधरी 

vijay shankar

पटना : बिहार के लाल समाजसेवी विजय कुमार ने पुरे देश की  17200 किलोमीटर की पैदल यात्रा का र्कीतिमान  बनाते हुए 371 दिनों में यात्रा पूरी करके  1 फ़रवरी को पटना लौटे । पटना लौटने के बाद गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर आत्मशुद्धि के लिए 24 घंटे का अनशन किया । अनशन के बाद 2 फ़रवरी को गाँधी संग्रहालय में  उनका भव्य नागरिक अभिनन्दन किया गया । नागरिक अभिनन्दन के बाद अपने पुरे भारत की पैदल यात्रा का संक्षिप्त वृतांत लोगों से साझा करते हुए समाजसेवी विजय कुमार ने कहा कि तिरंगे की ताकत, युवाओं के जोश-सहयोग और अपने आत्मबल की बदौलत मै सम्पूर्ण भारत की पैदल यात्रा पूरा करने में कामयाब हो सका । मै भारत माँ और देश की मिटटी को नमन करता हूँ और इसलिए देश के सभी राज्यों की मिटटी को संगृहीत कर साथ लाया हूँ, यही मिटटी मुझे जीवन भर भारत पैदल यात्रा के परिदृश्य को नज़रों के सामने रखेगी और स्मृतियों को जीवंत रखेगी । 

मौके पर नागरिक अभिनंदन समिति के संयोजक अनिल कुमार राय ने अभिनंदन पत्र वाचनकर उपस्थित गणमान्य लोगों के सामने समाजसेवी विजय कुमार को शाल ओढाकर समर्पित किया । उन्होंने कहा कि बिहार का लाल भारत पैदल यात्री भाई विजय कुमार ने इतिहास रच दिया है। इनके 17200 किलोमीटर की यात्रा का रेकार्ड निकट भविष्य में कोई तोड़ेगा, इसकी संभावना कम है । समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ-लोकनायक जयप्रकाश आंदोलन के नेता रघुपति जी ने की जबकि मंच संचालन डॉ अशोक प्रियदर्शी ने किया । पुरे आयोजन की व्यवस्था और भारत पैदल यात्रा के मार्गदर्शक गाँधीवादी सुनील कुमार सिन्हा ने की । पुरे भारत की पैदल यात्रा को मीडिया में ले जाने वाले मीडिया सेंटर के नियंत्रक वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर नयी दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित अभिनन्दन समारोह में भागीदारी निभाने के बाद अस्वस्थ हो जाने के कारण पटना के गाँधी संग्रहालय के अभिन्दन समारोह में शामिल नहीं हो सके ।     

अध्यक्षीय भाषण में रघुपति जी ने कहा कि हम लोग हमेशा मानते रहे हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोग एक अलग मनोदशा में रहते हैं। बहुत सारे राज्यों में लोग भिन्न-भिन्न प्रकृति के हैं। भिन्न भिन्न संस्कृति, भिन्न भिन्न वेशभूषा, भिन्न भिन्न रहन-सहन के रहते हैं । उनके बीच में एकजुटता के लिए कोई मंत्र या कोई चिन्ह ऐसा है इस पर हम लोगों को संदेह था और हम लोग इसी प्रकार की चर्चा करते थे । लेकिन अभी अभी जो मैंने भाई विजय कुमार जी से सुना है, उसमें एक बहुत बड़ी बात सामने उभर कर आई है। भाई विजय जी जब तिरंगा लेकर नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में घूमते रहे ,लोगों के संपर्क में रहे, तो उन्होंने पाया कि बच्चा-बच्चा, बुजुर्ग , नौजवान तिरंगे झंडे को देखकर बहुत प्रसन्न होते थे । भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगाते थे, इसी के साथ भाई विजय जी का अभिवादन भी करते थे । यह एक ऐसी जानकारी है जिसका राजनीतिज्ञों के बीच में जानकारी का आभाव रहा है। आज समझ में आया है भाई विजय जब पूरे देश में तिरंगा झंडा लेकर अपनी यात्रा की है तो पता चलता है कि हमारा तिरंगा ऐसा मंत्र है ,ऐसा प्रतीक चिन्ह है ,जो देश को एकजुट बनाए रखने का साधन है । पूरा देश इस तिरंगे झंडे के नीचे एकजुट है और इस धारणा को लाकर भाई विजय कुमार ने देश की बहुत बड़ी सेवा की है। मैं चाहूंगा कि इन्होंने जो कुछ देखा है ,उस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके लोगों के सामने दें। इस कार्य में जो कुछ सहयोग की जरूरत होगी ,मैं भी सहयोग करूंगा।

प्रोफेसर एनके चौधरी ने भाई विजय कुमार की प्रशंसा की एवं कहा कि जैसे आल्बर्ट आइन्स्टाइन ने कभी कहा था कि महात्मा गांधी जैसा हाड़-मांस का कोई पुतला कभी इस पृथ्वी पर चला था ,यह बात आने वाली पीढ़ी स्वीकार नहीं करेगी । उसी तरह भारत पैदल यात्री विजय कुमार की 17200 किलोमीटर की पैदल यात्रा की बात आने वाली पीढ़ी स्वीकार करने में संदेह करेगी । विजय कुमार ने वह काम किया है जो बड़े-बड़े अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, समाजसेवी ने नहीं किया है। इनकी बातों को सुनना और विश्लेषण करने के लिए वरिष्ठ अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री एवं राजनीतिक शास्त्र के लोग आगे आएंगे, ऐसा मेरा मानना है।

डॉक्टर राजीव रंजन प्रसाद ने भारत पैदल यात्री भाई विजय कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा, पटना मेडिकल कॉलेज में सुपरिटेंडेंट के रूप में काम करते हुए मैंने देखा है कि भाई विजय कुमार गरीबों , असहाय एवं अनाथ लोगों की कैसे सेवा करते थे । जिनका कोई नहीं है ,ऐसे लोगों के लिए दवा-दारू, खाने-पीने की व्यवस्था करते रहे हैं। सरकार की तरफ से भी गरीब ,असहाय एवं अनाथ लोग की मृत्यु हो जाती है,तो उनके लिए दाह संस्कार के लिए कुछ पैसा का इंतजाम किया जाता है,  लेकिन विजय जी एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने स्तर से इन कार्यों को करते रहे हैं। कोरोना काल में कोरोना मरीजों के परिजनों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराना एवं लावारिस मरीजों की देखभाल करना जैसे अनेक कार्य स्वयं करते रहे हैं। मैं इसकी प्रशंसा करता हूं।

अर्थशास्त्री डॉक्टर प्यारेलाल ने कहा कि  भाई विजय कुमार ने पूरे देश के सभी राज्यों की और पांच केंद्र शासित राज्यों की यात्रा करके हम लोग जैसे विश्लेषण कर्ता के लिए बहुत सारी सामग्री जुटा कर लाए हैं। हम लोगों की सामान्य रूप से जो अवधारणाएं रही हैं, वह हमेशा समाज का टूटा हुआ चेहरा दिखलाया है। जो नैरेटिव रहा है वह हमेशा समाज में विखराव और बहुत सारी विसंगतियों का रहा है । लेकिन विजय भाई ने कुछ ऐसे तथ्य लाए हैं जो पहले से तैयार सारी अवधारणाओं को ध्वस्त कर देने वाली होगी। मैं इन्हें अपने संस्थान में आने का निमंत्रण देता हूं । इनके बोले गए बातों को हम रिकॉर्ड करेंगे और विश्लेषण करते हुए उस सामग्री का प्रकाशन भी करेंगे। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि हमारे बुलावे पर हमारे संस्थान में आने की कृपा करेंगे।

प्रसिद्ध सामाजिक सुरक्षा विशेषज्ञ प्रमोद कुमार सिंह ने विजय जी के साथ लंबे समय से व्यक्तिगत मित्रता को बतलाते हुए बहुत बहुत प्रशंसा की है । वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिंद केसरी ने साहित्यिक अंदाज में इस बात के लिए भाई विजय कुमार की प्रशंसा की कि उन्होंने देश को एकजुट करने के लिए देश के संभ्रांत संस्कृति को उजागर करने के लिए जो कार्य किया है, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं। पूरे देश का म्रमण करना कोई आसान काम नहीं था । खासकर पूर्वोत्तर राज्यों के पैदल यात्रा करना , हम लोग मानते थे कि बहुत दुष्कर है लेकिन इन्होंने अवधारणा बदल दी है। सब कुछ सुगम है और हमारे कवि दिनकर ने रचनाएं की है जिसमें देशभक्ति दिखता रहा है। वह सब इनकी यात्रा में दर्शाता है । हम चाहेंगे कि इस यात्रा का विस्तार से विवरण लिखें , जिससे हम लोग लाभान्वित होंगे।

राम भजन सिंह यादव ने समाजसेवी विजय कुमार के साथ अपने पुराने परिचय का हवाला देते हुए बताया इन्होंने कई लोगों के साथ यात्रा की है जिसमें कर्पूरी ठाकुर , चंद्रशेखर ,निर्मला देशपांडे जैसे अनेक लोगों के साथ इन्होंने यात्रा की है। मैंने देखा कि समाजसेवी विजय कुमार उनकी यात्राओं में भी  बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे । आज इन्होंने जो इतनी लंबी यात्रा की है ,भारत पैदल यात्रा की है और एक इतिहास ही रच दिया है और बहुत सारी जो गलत अवधारणाएं थी,उसको खारिज कर दिया है। यह बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है, इसके लिए मैं इनकी भूरी भूरी प्रशंसा करता हूं।

मौके पर दामोदर प्रसाद ,रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज ,अविनाश कुमार सिन्हा, एडवोकेट एवं कई अन्य गणमान्य लोगों ने भी अभिनन्दन समारोह को संबोधित किया। 

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