विजय शंकर
पटना : वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आज 18 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य सरकार के निर्धारित होने वाले वार्षिक बजट के लिए बजट पूर्व विचार विमर्श में विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्य संघों के प्रतिनिधियों के साथ साथ बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन भी भाग लिया तथा राज्य के त्वरित औद्योगिक आर्थिक विकस के लिए अपने सुझाव रखे । बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा अपने सुझाव में यह रखा गया कि आज बिहार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौति विकास के पैमाने पर कायम क्षेत्रिय असंतुलन है । बिहार के प्रति व्यक्ति आय 45,000/- रुपया वार्षिक है जबकि इस बिन्दु पर राष्ट्रीय औसत 1,35,000/- रुपया वार्षिक है। इस बड़े अन्तर को अगले 10 वर्षों में कैसे खत्म किया जाय इस चिन्तन के साथ बजट का निर्धारण किए जाने की आवश्यकता है।
बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन का मानना है कि राज्य में स्थायी विकास तथा रोजगार के अवसर उद्योगों के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। तुलनात्मक रूप से देखा जाय तो अन्य विभागों के तुलना में राज्य में उद्योग विभाग का बजट काफी कम रखा जाता है। बीआईए उद्योग विभाग के बजट को बढ़ा कर कम से कम 4 हजार रुपया किए जाने का सुझाव रखते हुए मद वार तार्किक विश्लेषण भी रखा है। साथ ही साथ औद्योगिकरण प्रक्रिया को तीव्र करने के मद्देनजर एसोसिएशन का मत है कि राज्य में नये औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना तथा वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों के आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा बजट में प्रावधान किया जाय।
राज्य में सौर ऊर्जा के उत्पादन तथा उपयोग की असिम सम्भावना के मद्देनजर बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने सरकार से सौर ऊर्जा आधारित इकाई स्थापना के लिए नई नीति लाने जिसमें 25 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था करने का भी अनुरोध रखा है। इससे राज्य में सौर ऊर्जा की उत्पादन एवं खपत बढ़ेगी, संचरण एवं वितरण नुकसान में गिरावट आयेगी। सरकार को भी मंहगी बिजली खरीदे जाने में होने वाली राजस्व की बचत होगी। साथ ही साथ राज्य में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ने से पर्यावरण को लाभ मिलेगा। वर्तमान में राज्य सरकार त्वव िज्वच ैवसंत च्ंदमस  लगाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही 40 प्रतिशत अनुदान के साथ साथ अपनी ओर से 25 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करा रही है।
राज्य में औद्योगिकरण की गति को आगे बढ़ाने तथा स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के मद्देनजर बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने अपने सुझाव में सरल एवं व्यवहारिक सरकार की खरीद नीति का गठन करने का सुझाव रखा है।
अपने अन्य सुझाव में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा:-
1. औद्योगिक प्रयोजन में आने वाले भूखंड के लिए राज्य में अलग वर्गीकरण करते हुए डटत् का निर्धारण करने।
2. व्यवसायिक ऋण प्राप्त करने के लिए गिरवी रखे जाने वाले संपत्ति को गिरवी रखने की स्थिति में Equity Mortgage तथा Registered Mortgage पर लगने वाले Stamp Duty  का पुनर्वालोकन करते हुए इसमें कायम विसंगतियों को ठीक करने ।
3. पार्टनरशीप फार्म के registration की वर्तमान प्रक्रिया जिसमें 2 स्टेज पर registration  की व्यवस्था है उसको सरल करते हुए single stage registration  की व्यवस्था करने।
4. राज्य में शहरीकरण प्रक्रिया को गति प्रदान करने जिससे कि राज्य में आर्थिक औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार हो।
5. राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के ख्याल से सरकार द्वारा लायी गयी नीति Bihar Agri Investment Promotion Policy’ 2020 जिसमें 15 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था है, लेकिन बैंकों के Agri Business तथा Agri Finance के प्रति उदासीन एवं असहयोगात्मक रवैया के कारण नीति का लाभ न तो राज्य को मिल रहा है और न ही राज्य के लोगों को, की समीक्षा करते हुए इसमें बैंकों को सहयोग देने के लिए सरकार के स्तर से समन्वय स्थापित किए जाने। ज्ञात हो कि इस नीति के माध्यम से राज्य में लघु एवं मध्यम प्रक्षेत्र में काफी इकाईयाँ लगने की सम्भावना है लेकिन अभी तक मात्र 7-8 इकाईयों को ही बैंक फाइनांस हो सका है।
6. निर्मित भवनों जिसमें Building Bye-laws के प्रावधानों का मामूली विचलन हुआ हो के लिए एक मुश्त माफी योजना लाने ।
7. राज्य में औद्योगिकरण प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए औद्योगिक भूखंड हेतु विशेष निधि का गठन करने। ज्ञात हो कि अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रीज कोरिडोर जो बिहार से हो कर गुजर रही है, इस क्षेत्र में इण्डस्ट्रीयल टाउनशीप आसानी से विकसित किया जा सकता है।
8. उद्योगों के लिए विद्युत अनुदान का प्रावधान करने जिससे कि हमारे राज्य के उद्योग पड़ोसी राज्यों के साथ प्रतिस्पर्द्धा में बने रहे।
9. राज्य में लगने वाले विद्युत शुल्क (Electricity Duty) दर को पड़ोसी राज्यों के समरूप करने।
10. केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के लिए स्वीकृत प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए एक Monitoring Mechanism का निर्धारण किये जाने।
11. एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को प्रतिबन्धित किए जाने के सरकार के निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव के मद्देनजर इस प्रक्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों को अलग से विशेष प्रोत्साहन नीति बना कर hand holding support  करने।
12. राज्य में प्रति वर्ष आने वाले भिषण बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए कार्य योजना तैयार करने तथा इसके लिए समुचित बजट का प्रावधान किए जाने ।
13. केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन ;(PLI)योजना के तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा अपनी औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने का प्रावधान किया जाना।
14. राज्य में उपलब्ध पर्यटन उद्योग की सम्भावनाओं के मद्देनजर कार्य योजना एवं पर्यटन नीति तैयार करत हुए अपने पर्यटन स्थलों का राज्य के आर्थिक विकास के लिए उपयोग किया जाना।
इस बजट पूर्व विचार विमर्श बैठक में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष श्री अरूण अग्रवाल, महासचिव श्री आशीष रोहतगी, पूर्व उपाध्यक्ष श्री संजय गोयनका, Public Procurement Sub-Committee के उपसभापति उमेश कुमार सोनी, IT & ITEs Sub-Committee के सभापति मुकेश कुमार ने भाग लिया तथा अपने सुझावों को एसोसिएशन की ओर से रखा।

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