vijay shankar
पटना : खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग, राज्य कार्यालय बिहार के तत्वावधान में आज गुरुवार को बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन तथा सुर्य मोहिनी चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सहयोग से प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बीआईए प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम में खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग के निदेशक मोहम्मद हनीफ मेवाती के साथ-साथ आयोग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से एसोसिएशन के महिला सशक्तिकरण उप-समिति के चेयरपर्सन तथा सूर्य मोहिनी चैरिटेबल ट्रस्ट की संचालिका श्रीमती संध्या सिन्हा ने जागरूकता कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत किया। अपने स्वागत सम्बोधन में श्रीमती संध्या सिन्हा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है तथा दूसरी अन्य सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का जड़ भी बेरोजगारी है। अतः आज के समय में सबसे बड़ी आवश्यकता है कि नवयुवकों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित किया जाए। प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम स्वरोजगार उपलब्ध कराने का सरकार की एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं अधिक से अधिक नवयुवकों को इस योजना के संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से आज का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के संबंध में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग, राज्य कार्यालय के निदेशक श्री मोहम्मद हनीफ मेवाती ने बताया कि प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के द्वारा तैयार किया गया कार्यक्रम है जिसे प्रधान मंत्री रोजगार योजना और ग्रामीण रोजगार सृजन योजना को विलय कर तैयार किया गया है। इस योजना का कार्यान्वयी अभिकरण ग्रामीण क्षेत्र के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग तथा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड है जबकि जिला उद्योग केन्द्र देश के ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए कार्यान्वी अभिकरण है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विर्निमार्ण क्षेत्र की परियोजना हेतु अधिकतम 25 लाख तथा सेवा क्षेत्र हेतु 10 लाख रूपये हैं। परियोजना में समान्य श्रेणी वर्ग के लाभार्थी को स्वयं का अंशदान 10 प्रतिशत है जबकि समान्य श्रेणी के लाभार्थी को इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र के लिए 15 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 25 प्रतिशत योजना लागत पर सब्सिडी का प्रावधान है। वहीं विशेष श्रेणी जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति /अति पिछड़ा वर्ग/ भूतपूर्वक सैनिक/शारीरिक रूप से विकलांग/ के लिए लाभार्थी का अंशदान परियोजना लागत पर 5 प्रतिशत निर्धारित है जबकि इस श्रेणी के लाभार्थी के लिए शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले परियोजना के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। निदेशक द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत यह निर्धारित की गई है कि परियोजना में प्रत्येक 1 लाख पँूजी निवेश पर 1 रोजगार का सृजन हो। इस योजना के तहत् 307 परियोजनाओं का मॉडल आयोग के बेवसाईट पर उपलब्ध है। उनके द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कुछ गतिविधियाँ जैसे बीड़ी, पान, सिगरेट, गुटका, तम्बाकू तथा अन्य मादक पदार्थ, मांस आदि प्रतिबंधित गतिविधियों के अन्तर्गत रखा गया है। जहाँ तक शैक्षणिक योग्यता का प्रश्न है विर्निमार्ण क्षेत्र में 10 लाख एवं सेवा क्षेत्र में 5 लाख से अधिक परियोजना हेतु आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना निर्धारित है। इस अवसर पर आवेदन भरे जाने, आवेदन जमा किये जाने, आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले दस्तावेजों के संबंध में भी कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों को विस्तृत रूप में जानकारी दी गई साथ-ही-साथ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग कार्यालय द्वारा उद्यमिता विकास के लिए संचालित किये जाने वाले अन्य कार्यक्रमों से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। प्रतिभागियों द्वारा रखे गये हर जिज्ञासा का भी जबाब आयोग के पदाधिकारियों द्वारा दिया गया। व्यक्तिगत एवं ऑनलाइन माध्यम से 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया। मुम्बई एवं दिल्ली से भी कुछ लोग कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े तथा लाभान्वित हुए।
महिला सशक्तिकरण उप-समिति के को-चेयरपर्सन श्रीमती तनुजा सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।