स्वच्छता पर जोर- बेघरों को आवास देना प्रमुख लक्ष्य
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। बिहार बजट में इस बार सर्वाधिक 16.5 फीसदी आवंटन शिक्षा क्षेत्र में किया है. उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट पेश किया।
बिहार का 2022-2023 का बजट- 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ 19 लाख है. सरकार ने जिन प्रमुख क्षेत्रों में सर्वाधिक आवंटन सुनिश्चित किया है ।
उसमें शीर्ष पांच में कृषि क्षेत्र के लिए 29 हजार करोड़ बजट का आवंटन शामिल है. इसके अलावा शिक्षा के लिए 39 हजार करोड़ का आवंटन, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 16 हजार करोड़ और समाज कल्याण के लिए 12,375 करोड़ के बजट का आवंटन का प्रावधान किया गया है.
छह सूत्रों पर आधारित बजट पेश करते हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग विकास, कृषि, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों का विकास और जनकल्याणकारी योजना इस वर्ष हमारी प्रमुख प्राथमिकता है. बजट अनुमान प्रस्तुत करने से पहले तारकिशोर ने कौटिल्य के संस्कृत श्लोक- “अलबद्ध लाभार्थ, लब्ध परिरक्षणी”। अर्थात जो प्राप्त न हो उसे प्राप्त करना जो प्राप्त हो गया उसे संरक्षित रखना, संरक्षित हो गया है उसे समानता के आधार पर बांटना से शुरू किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इसी के अनुरूप आगे बढ़ रही है.
बजट में उद्योग क्षेत्र के लिए 1643 करोड़ 74 लाख का प्रावधान किया गया. इथेनॉल को लेकर राज्य में 151 इकाई लगाई जाएगी.
वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि निर्यात नीति का निर्माण किया जाएगा. स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड के लिए 700 करोड़ का प्रावधानकिया गया है. 12,375 करोड़ 7 लाख का बजट प्रावधान विभिन्न वर्गों के लिए और 7712 करोड़ 30 लाख का कृषि बजट है.उद्योग के लिए 1643 करोड़ 74 लाख का बजट प्रावधान है. इसमें इथेनॉल को लेकर 151 इकाई लगाई जाएगी।
इस बार बिहार का बजट 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ 19 लाख का है। पिछले साल 2 लाख 18 हजार 302 करोड़ का था। इस तरह से पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वर्ष करीब 19 हजार करोड़ रू अधिक का बजट पेश किया गया है।
बिहार के बजट में कहा गया है कि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 2020-21 में 59861 करोड़ 44 लाख थी यह वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान में 74789.06 करोड एवं वर्ष 2022-23 में 91180.60 करोड रुपए अनुमानित की गई है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य को केंद्र सरकार से सहायक अनुदान के रूप में 58001 करोड़ 29 लाख रुपए प्राप्त होने का अनुमान है. यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान 54531.21 करोड रुपए से 3470.08 करोड रुपए अधिक है. वर्ष 2022-23 में अनुमानित 58001.29 करोड़ रुपए की मदवार राशि की अगर बात करें तो केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के तहत 46019.44 करोड़ रू, 15वें वित्त आयोग में 8354.1 करोड़ रू, जीएसटी से होने वाली राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति के लिए 3500 करोड़ रू,केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के तहत127.7481 करोड़ रू है। इस तरह से कुल मिलाकर 58001 करोड़ रू मिलने का अनुमान है।
वित्तीय वर्ष 2005-06 में राज्य सरकार पर कुल बकाया ऋण जीएसडीपी का 56.36% था. वर्ष 20-21 के अंत में कुल बकाया 227195.49 करोड़ रुपए हैं, जो राज्य के जीएसडीपी का 36.37% है. सबसे अधिक खर्च शिक्षा पर होगा. जिसमें उन 39191.87 करोड रुपए व्यय करेगी. शहरी एवं ग्रामीण सड़कों पर ग्रामीण कार्य तथा पथ निर्माण विभाग का 16430.99 करोड़, स्वास्थ्य पर 16134.39 करोड, ग्रामीण विकास पर 15456.47 करोड़ एवं गृह विभाग को 14372.76करोड़ रुपए व्यय अनुमानित है. ऊर्जा विभाग के अंतर्गत 11475.7 करोड़ तथा समाज कल्याण विभाग एवं कमजोर वर्गों के पेंशन, आंगनबाड़ी, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग से संबंधित विभागों में 12375.07 करोड रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्व अदिशेष 9195.90 करोड़ रू एवं वर्ष 2022-23 में 4747.84 करोड़ रू अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25885.10 करोड़ रू राजकोषीय घाटा रहने का अनुमान है। जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद 745310.00 करोड़ रू का 3.47 प्रतिशत है।