समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति भवन में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण

vijay shankar

पटना, 24 जनवरी  : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति भवन में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धा निवेदित की।

इस अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री शामिल हुए और वहां जननायक कर्पूरी ठाकुर के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवन से संबंधित स्मरणांजलि स्मारिका पुस्तक का विमोचन किया।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने गोखुल-कर्पूरी-फुलेश्वरी महाविद्यालय जाकर जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया साथ ही प्रभावती रामदुलारी इंटर विद्यालय के प्रांगण में स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री ने पंचायत सरकार भवन कर्पूरी ग्राम का शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र सह सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, विधायक श्री अजय कुमार, विधायक श्री अख्तरूल इस्लाम शाहीन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जननायक कर्पूरी ठाकुर के परिवार के सदस्यगण, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार, दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री बाबू राम, समस्तीपुर के जिलाधिकारी श्री योगेंद्र सिंह और समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक श्री विनय तिवारी सहित अन्य पदाधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयंती के अवसर पर उनके गांव में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की मांग हमलोग शुरू से करते रहे हैं। वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2023 तक हमलोग लगातार यह मांग करते रहे हैं। कल रात में मुझे पता चला कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न प्रदान कर दिया गया तो यह बड़ी खुशी की बात है। हम केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री जी को इसके लिए धन्यवाद देते हैं। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने गरीब-गुरबा तबका, पिछड़ा-अति पिछड़ा के साथ ही समाज के हर तबके के लिए काफी काम किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी काम किया, शराबबंदी लागू की। बाद में उन्हें गलत तरीके से हटा दिया गया। वे हमलोगों को काफी मानते थे। वे देश में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पिछड़ा और अति पिछड़ा को आरक्षण देने का काम किया था। हमलोग उन्हीं के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। उनके विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं।

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