राज्य के दो लाख युवा दंपतियों को प्रजनन कार्य में कमी लाने के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी
परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के संबंध में जागरूकता पैदा की जाएगी
पटना, नालंदा एवं वैशाली जिलों में जागरूकता वाहन रवाना
राज्य स्वास्थ्य समीति के सहयोग से “सफल कपल अभियान” का हुआ उद्घाटन

विश्वपति 

पटना। “विकास दर में वृद्धि कुल प्रजनन दर में गिरावट से ही संभव है, यह सीधा गणित है जिसे सबको समझने की जरुरत है।
“सफल कपल अभियान” के अंतर्गत परिवार नियोजन साधनों एवं सेवाओं की मांग युवा दम्पत्तियों में बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के तहत युवा योग्य दम्पत्तियों की परिवार नियोजन के साधन अपनाने एवं उनके फायदों के बारे में जागरूक करने में सहायता मिलेगी”,
उक्त बातें मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार द्वारा राज्य स्वास्थ्य समीति के सभागार में “सफल कपल अभियान” के उद्घाटन के समय कही.
परिवार नियोजन साधन अपनाकर राज्य के कुल प्रजनन दर में कमी संभव है।
कार्यक्रम के अपने संबोधन में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, राज्य की कुल प्रजनन दर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार 3.4 प्रति माता से घटकर 3 हो गया है. कुल गर्भ निरोधक प्रचलन दर 23.3 से बढ़कर 44.4 एवं अपूरित मांग 21.2 से घटकर 13.6 पर आ गयी है. इन उपलब्धियों के महत्वपूर्ण कारक स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से दी जा रही परिवार नियोजन सामग्री एवं सेवाओं की बढ़ती पहुँच और गुणवत्ता में सुधार है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, इस कारण परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. राज्य की कुल प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है और इसे कम कर राष्टीय औसत तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहना होगा.
2 लाख से ज्यादा युवा दम्पत्तियों को परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का है लक्ष्य:
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, सामाजिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समीति के सहयोग से “सफल कपल अभियान” चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत राज्य के पांच जिलों, पटना, गया, नालंदा, वैशाली तथा मुजफ्फरपुर में अबतक दो लाख से ज्यादा युवा दम्पत्तियों को आधुनिक गर्भ निरोध के साधनों की जानकारी देने एवं उन्हें इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस अवसर पर केशवेन्द्र कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समीति, अनिमेश कुमार पराशर, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समीति, बिहार एवं डॉ. सज्जाद, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन ने भी अपने सुझाव रखे।

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