नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : बिहार प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए राजद द्वारा जारी की गई सूची से उनकी मानसिकता और वैचारिक खोखलेपन का पता चलता है। उन्होंने कहा कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने इस सूची को लेकर दावा किया है कि इसमें समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है, जबकि वास्तविकता इससे कोसों दूर है।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जैसा होना तो दूर की बात है, उनकी नकल भी कोई कर ले तो बहुत बड़ी बात होगी। राजद ने आसन्न विधान परिषद चुनाव के लिए न तो दलित समाज से किसी को उम्मीदवार बनाया, न ही अतिपिछड़ा समाज से और तो और इतनी बड़ी ‘आधी आबादी’ में उन्हें एक भी महिला चुनाव लड़ाने लायक नहीं मिली। अल्पसंख्यकों का हिमायती होने का दंभ भरने वाले उनके नेताओं को इस समाज से भी बमुश्किल एक ही उम्मीदवार मिला।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आजकल राजद के नेता जदयू की नकल पर अपनी पार्टी को ए टू जेड की पार्टी कहने में लगे हैं, लेकिन उनके द्वारा जारी सूची ने उनकी पोल खोल कर रख दी है। इन दिनों राजद की ओर से जातिगत जनगणना की भी बात की जा रही है ताकि सभी जातियों को उनका वाजिब हक मिले। लेकिन कहना एक बात है और करना दूसरी बात। राजद द्वारा जारी सूची ने उसकी असलियत बता दी है। राजद संकीर्ण सोच पर चलती रही है, ऐसे में उनकी कथनी और करनी में फर्क होना लाजिमी है।