नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : राजगीर में जू सफारी के निर्माण और बिहार में पर्यटन की संभावनाओं पर पूर्व विधान पार्षद व जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 रणबीर नंदन ने कहा कि भारत हमेशा से दुनिया के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्रों में शामिल रहा है। बिहार ने इस परंपरा को और मजबूत कर पर्यटन के क्षेत्र में भारत को विश्वपटल पर स्थापित किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सरकार ने पर्यटन के लिए लगातार काम किए हैं और इसका फल है कि बिहार में कई अनोखे पर्यटन स्थल उभर कर सामने आए हैं। राजगीर में अब 191.12 हेक्टेयर में फैला जू सफारी एकदम तैयार है और पूरी दुनिया को आकृष्ट कर रहा है। जू सफारी में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरण का अलग-अलग सफारी बने हैं। पर्यटक मजबूत ग्लास लगे बंद वाहन में सवार होकर उन्हें नजदीक से देखने का आनंद उठाएंगे।
डाॅ0 नंदन ने कहा कि जू सफारी से पहले देश का दूसरा और पूर्वोतर भारत का पहला ग्लास ब्रिज बिहार में शुरू हो चुका है। पर्यटक ग्लास ब्रिज के साथ आप नेचर सफारी, रोप-वे साइकलिंग भी कर सकते हैं, जो अपने आप में अनूठा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को कभी सीमित रखा ही नहीं। उनकी व्यापक और दूरदर्शिता ने बिहार को हमेशा आगे बढ़ाया है। लेकिन दुखद स्थिति यह है कि बिहार के विकास के प्रति अन्य लोगों की सोच उतनी दूरदर्शी नहीं रही है। बिहार अपनी भौगोलिक स्थिति से अधिक राजनीतिक अदूरदर्शिता से शापित रहा है।
डाॅ0 नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जे के बारे में जो कुछ कहा है, उस पर ध्यान देना अब आवश्यकता भर नहीं है, बल्कि अनिवार्यता है। बिहार के बिना देश का विकास हो ही नहीं सकता और बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है। बिहार के बंटवारे के वक्त भी दूरदर्शिता नहीं बरती गई।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, उनमें उन राज्यों के विकास के साथ आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की भी बात है। विशेष राज्य का दर्जा पाने वाले सभी राज्यों की सीमा पड़ोसी देशों के करीब हैं। बिहार भी नेपाल से सटा है और यह बात सभी को पता है कि कई आतंकी संगठन नेपाल को काॅरिडोर के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं। इसलिए बिहार के विकास के साथ आतंक की आशंका को रोकने के लिए भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना अनिवार्यता है।