बिहार ब्यूरो
पटना । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी पार्टी सुप्रीमो व बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी के बीच की तल्खियां खत्म होती दिख रही है। मुकेश सहनी ने मंगलवार को राजद नेता तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई कहकर सियासी गलियारे में एक नये चर्चा को जन्म दे दिया है। बता दें इन दिनों जदयू और भाजपा के बीच तनातनी दिख रही है। वहीं सहनी के इस बयान के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।
मुकेश सहनी ने यह भी कहा है कि वीआईपी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर होनेवाले उपचुनाव में वीआईपी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। यहां से किसी को उम्मीदवार उतारना है तो उतारे, हमारे उम्मीदवार नहीं जीतेंगे तो क्या हुआ, तेजस्वी के उम्मीदवार तो जीतेंगे ना।
सहनी ने अपनी विधान परिषद की सीट के रिन्यूवल होने के मुद्दे पर कहा कि इसकी परवाह उन्हें नहीं है, हम तो संघर्ष करेंगे। मछुआरों को आरक्षण दिलाने की लड़ाई में तेजस्वी का साथ लेने पर भी गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा, अगर छोटे भाई तेजस्वी साथ देंगे तो वह साथ लेने को तैयार हैं।
सहनी के बयान पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए के सहयोगियों का भाजपा से मोह भंग हो रहा है। यह इसी का संकेत है। ताश के पत्तों की तरह एनडीए बिखर जाएगा। अभी तो यह सब ट्रेलर है, असली फिल्म बाकी है।
बताते चले बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में राजधानी पटना के होटल मौर्या में महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेस से मुकेश सहनी इसलिए उठ कर निकल गए थे कि उनकी पार्टी वीआईपी को राजद नेता तेजस्वी यादव ने मनमाफिक सीटें देने की घोषणा नहीं की थी। इसे अगले दिन पर टाल दिया था। तब मुकेश सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि एक अतिपिछड़ा नेता की पीठ पर खंजर भोंका गया हैं। इसके बाद वे प्रेस कांफ्रेस से निकल गए। उसके बाद सहनी एनडीए में चले गए। अब जब परिस्थितियां बदली हुई दिख रही हैं तो तेजस्वी अब सहनी के लिए छोटे भाई हो गए हैं।