केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भाजपा नेता नित्यानन्द राय अनर्गल टिप्पणी करने के पहले उत्तर प्रदेश और गुजरात के आंकड़े देखें : उमेश सिंह कुशवाहा
भाजपा महंगाई, अर्थव्यवस्था और रोजगार पर चर्चा नहीं कर देश में धार्मिक उन्माद फैलाने में लगी है
नवराष्ट्र मिडिया ब्यूरो
पटना। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भाजपा नेता नित्यानन्द राय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बिहार के बारे में अनर्गल टिप्पणी करने के पूर्व उत्तर प्रदेश और गुजरात के बारे में सामने आए सरकारी आंकड़ों पर भी ध्यान देना चाहिए। चंद दिनों पूर्व उन्होंने ही राज्यसभा में आंकड़ों के साथ बयान दिया था जिसके अनुसार देश में हुए मानवाधिकार उलँघन के कुल मामलों में से 40 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश में हुए हैं। जहरीली शराब पीने से बिहार से ज्यादा मौतें लगातार गुजरात में हो रही हैं।
उन्हें अपनी सुविधानुसार महात्मा गाँधी का नाम लेने के साथ ही उनके निर्देशों पर भी अमल करना चाहिए। गाँधी जी शराबबंदी के पक्ष में थे। शराब मीठा जहर है और निश्चितया जो लोग उसे पियेंगे वो मरेंगे, यह हास्यस्पद कैसे है?
जातीय जनगणना पर टिप्पणी करने के क्रम में उन्हें बताना चाहिए कि इससे योजनाओं को बनाने में पारदर्शिता आएगी या नहीं। बिहार में शांति व्यवस्था कायम रहने का इससे बड़ा क्या प्रमाण हो सकता है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के 17 वर्षों के शासन काल में एक दिन के लिए भी कहीं कर्फ्यू नहीं लगा।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने इसी के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद से देश में दलितों, अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं को प्रताड़ित एवं अपमानित करने के लिए प्रायोजित ढंग से सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। दूसरी ओर भाजपा महंगाई, बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा से भागती है क्योंकि इस पर उनके पास कोई जवाब नहीं है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एनएचआरसी के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए राज्यसभा में पूरे देश में मानवाधिकार हनन के जो मामले पेश किये उन मामलों में से 40ः अकेले उत्तर प्रदेश से संबंधित है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में मानवाधिकार उल्लंघन के देश में 89,584 मामले हुए, 2019-20 में 76,628 और 2020-21 में 74,968 रहे जबकि 2021-22 में 31 अक्टूबर तक ही 64,170 मामले दर्ज हुए। इन आंकडों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2018-19 में 41,947, 2019-20 में 32,693, 2020-21 में 30,164 और 2021-22 में 31 अक्टूबर तक 24,242 मामले दर्ज किए गए हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के अधिकांश मानवाधिकार हनन मामलों का 90ः दलितों एवं अल्पसंख्यकों से जुड़ा हुआ है। जो स्पष्ट करता है कि प्रायोजित रूप से भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग दलितों अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं को प्रताड़ित एवं अपमानित करने के लिए करती है। यह काफी चिंतनीय है और इसके प्रति सचेत होने की आवश्यकता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 38 में भारत को लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में चिन्हित किया गया है परंतु भाजपा शासित केंद्र एवं अधिकांश राज्य सरकार के पुलिस प्रशासन का प्रयोग दलित, महिला एवं अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए किया जाता है क्योंकि भाजपा की शासन व्यवस्था संविधान विरोधी है और उसे जनकल्याण से कोई लेना-देना नहीं है। यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट कमीशन ने 13 मानवाधिकारों को चिन्हित किया है इसमें भारत की स्थिति मृत्यु दंड को छोड़कर अन्य मानवाधिकार को सुनिश्चित कराने में फिसड्डी है। भाजपा की केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें जाति एवं समुदाय विशेष को टारगेट कर मानवाधिकार का हनन कर रही हैं।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानवाधिकार में शामिल है परंतु मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी हनन करना चाहती है। इसी उद्देश्य से फरवरी 2021 में केंद्र सरकार ने कानून बनाकर सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट को अनलॉफुल कंटेंट साबित कर उसे हटाने का प्रावधान शामिल किया है। जिसका उद्देश्य मात्र यह है कि उनकी सरकार की विफलताओं एवं उनके तानाशाही रवैया को आम जनता सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उजागर नहीं करेंस महंगाई, बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था आज देश में गंभीर समस्या है पर केंद्र सरकार का प्रयास है कि इन पर कोई चर्चा न हो, क्योंकि उसका कोई जवाब इनके पास नहीं है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है इसकी चर्चा कभी नहीं करतेस 8 वर्षों में 16 करोड़ों लोगों को रोजगार देने के वायदे के उल्टे नौकरी समाप्त करने का काम कर रहे हैं। रेलवे, नेशनल हाईवे और हवाई अड्डे का निजीकरण कर रहे हैं और देश का ध्यान इससे भटकाने के लिए मंदिर-मस्जिद और पूजा पर चर्चा कर रहे हैं। पूरे देश में धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है क्योंकि भाजपा का असली चेहरा साम्प्रदायिकता और जातिवाद का है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी ओर हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अपनी सकारात्मक सोच से बिहार को एक ऊंचाई पर ले जाने का काम किया, विकास के नए आयाम गढ़े हैं जो जग जाहीर है और उसी के कारण आज हमारी पार्टी देश में एक अलग पहचान बनाने में सफल हुयी है। पूरे देश में अति पिछड़ों एवं महिलाओं को निकाय चुनाव में आरक्षण देने का काम सर्वप्रथम हमारे नेता ने किया दूसरी ओर भाजपा सिर्फ भ्रम फैलाती रही। बिहार में तीन कृषि रोड मैप के माध्यम से कृषि प्रक्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन आया है और अब चौथे कृषि रोड मैप में कृषि के आधुनिकीकरण एवं पशुओं के नस्ल सुधार पर ध्यान देने की योजना बनाई जा रही है। हमारे माननीय नेता श्री नीतीश कुमार जो बोलते हैं वो करते हैं, यही कारण है कि उनके नेतृत्व में महागठबंधन के सभी घटक दल चट्टानी एकता के साथ एक हैं और बिहार की जनता ने पूरे दिल से हमारे नेता श्री नीतीश कुमार एवं श्री तेजस्वी यादव जी को स्वीकार किया है। देश का ध्यान भटकाने में भाजपा अब सफल होने वाली नहीं हैं, 2024 के चुनाव में देश की जनता इनसे सभी मुद्दों पर जवाब मांगेगी।