– निजीकरण व विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ राजस्व जुटाएगी सरकार
– निजीकरण को लेकर अब मानसिकता बदलने की जरूरत

विजय शंकर
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने आद्री की ओर से निदेशक पी पी घोष की अध्यक्षता में ‘बजट-2021-22’ पर आयोजित विमर्श को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड काल के दौरान विषम परिस्थिति में लाया गया यह बजट रोजगार पैदा करने, महंगाई नियंत्रित करने और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा । बजट में 1.75 लाख करोड़ का राजस्व निजीकरण व लोकउपक्रमों के विनिवेश के जरिए जुटाने का प्रावधान किया गया है। निजीकरण को लेकर अब लोगों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन का प्रति व्यक्ति आय 1990 तक लगभग समान था। मगर कम्युनिस्ट प्रभाव के बावजूद चीन ने 1976 से ही आर्थिक व कृषि सुधार आदि शुरू कर दिया। भारत में 1991 से आधे-अधूरे ढंग से आर्थिक सुधार शुरू हुआ। नतीजतन आर्थिक सुधार की दिशा में हम पिछड़ते चले गए। 300 से ज्यादा लोकउपक्रमों में से 70 प्रतिशत से ज्यादा घाटे में चल रहे हैं ।

बैंकों का एनपीए बढ़ कर 12.5 प्रतिशत हो गया है। पिछले चार वर्षों में बैंकों को जिन्दा रखने के लिए सरकार ने गरीब करदाताओं के 2.71 लाख करोड़ रुपये दिया है। वर्ष 2021-22 में भी बैंकों के लिए भी 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एयर इंडिया का घाटा बढ़ कर 60 हजार करोड़ रुपये हो गया है। सरकार दो सरकारी बैंकों के साथ एक बीमा कम्पनी का अगले साल निजीकरण करेगी। घाटे में चल रहे लोक उपक्रमों को ढोते रहने का का अब कोई औचित्य नहीं है।

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