बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल आसन्न पंचायत चुनाव को केंद्र कर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें पार्टी ने चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती और ऑनलाइन नामांकन की सुविधा देने की मांग की है। पार्टी की ओर से शिशिर बाजोरिया ने अपने पत्र में पिछली बार 2018 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा का जिक्र किया है और कहा है कि उस समय पुलिस की मदद से तृणमूल के लोगों ने विपक्ष के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल नहीं करने दी। इसी वजह से कई सीटों पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिना प्रतिद्वंदिता विजई घोषित हो गए थे।

इस बार ऐसा ना हो, इसके लिए जरूरी है कि उम्मीदवारों को व्हाट्सएप या किसी अन्य ऑनलाइन जरिए से नामांकन की अनुमति दी जानी चाहिए। पार्टी ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि 2018 चुनाव के दौरान पुलिसकर्मी हर जगह हिंसा की घटना में मूकदर्शक बने हुए थे। लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल पाए और मतदान करने नहीं गए। इस बार ऐसा ना हो इसके लिए जरूरी है कि सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए। पार्टी ने अपने पत्र में लिखा है, “पश्चिम बंगाल पुलिस पूरी तरह से राजनीतिक हो गई है और चुनाव के लिए उस पर कतई भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती जरूरी है।”
पार्टी ने अपने पत्र में यह भी याद दिलाया है कि वर्ष 2013 में खुद राज्य सरकार शांतिपूर्वक चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई थी और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ पार्टी को जिताने के लिए साजिश रच रहा है।

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