विजय शंकर
पटना,। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर देशवासियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार देश के सत्तर करोड़ किसानों के साथ खिलवाड़ कर रही है. रालोसपा किसान संगठनों व किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में किसान चौपाल लगा रही है. चौपाल 28 फरवरी तक चलेगी. रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक और प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी दी. प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संतोष कुशवाहा, प्रदेश प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव वीरेंद्र प्रसाद दांगी, पूर्व प्रत्याशी रामबाबू कुशवाहा, किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा, संगठन सचिव विनोद कुमार पप्पू, आशीष कुमार, आईटी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार, छात्र नेता रवि कश्यप भी मौजूद थे.
रालोसपा नेताओं ने बताया कि किसान चौपाल में पार्टी नेता किसानों से संवाद कर रहे हैं और बता रहे हैं कि तीन काले क़ानून जिसे केंद्र सरकार और भाजपा किसानों के हित में बता रही है दरअसल यह पूंजीपतियों के लाभ के लिए बनाए गए हैं. मंडी एक्ट, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और आवश्यक वस्तु अधिनियम 70 करोड़ किसानों के खिलाफ हैं. इसलिए इन कानूनों के खिलाफ देश भर में विरोध हो रहा है और करीब तीन महीने से किसान दिल्ली की सीम पर डटे हैं. रालोसपा ना कहा कि किसान किसी के कहने पर नहीं चलता है. किसान कानून को लेकर सरकार के मंत्री भ्रम फैला रहे हैं. हम इस कानून को लेकर प्रधानमंत्री पर कैसे विश्वास करें. इस नए कृषि कानून के जरिये कॉरपोरेट को मजबूत किया जा रहा है और किसानों को कमजोर बनाया जा रहा है. किसान लड़ाई लड़ रहे हैं पर ये सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. रालोसपा ने कहा कि किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और पार्टी किसानों की मांग का समर्थन करती है.
रालोसपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ इतना बड़ा विश्वासघात सत्तर सालों बाद किया है. एमएसपी की बात सरकार कह रही लेकिन इस कानून के जरिये पूरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के किसानों को गुलाम बनाना चाहते हैं. ये कानून किसानों की मौत का परवाना है. रालोसपा ने सवाल किया कि इस कानून को लाने से पहले क्या सरकार ने किसी किसान संगठन से बात की. आखिर क्यों सरकार चोर दरवाजे से अध्यादेश लेकर आई. आखिर क्या था जिसे सरकार छुपा रही है. पार्टी नेताओं ने कहा कि किसानों का सवाल वाजिब है कि सकरार इस कानून को चुपचाप क्यों लेकर आई. लेकिन सरकार न तो किसानों के सवालों का जवाब दे रही है और न विपक्ष के सवालों का.