अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश, 

बिहार ब्यूरो 

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 149 लोगों की समस्याओं की सुनवाई की और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।

 ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में लोगों की शिकायतें सुनीं। त्रिवेणीगंज, सुपौल से आये एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के दौरान ही त्रिवेणीगंज में एक पुल टूट गया था, लेकिन आज तक वह नहीं बन सका है। इस बात को सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा यह काफी संवेदनशील मामला है। आखिर यह कैसे हुआ? हमने तो कर्ज लेकर एक-एक काम कराया है फिर भी बचा कैसे रह गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जांच करवाईये और जिम्मेदार लोगों को चिन्हित करायें। उन्होंने कहा जरुरत हुई तो मुख्य सचिव के साथ बैठक कर इसका निदान करें।
गोपालगंज के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके जिले के चैराव पैक्स के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा जिला सहकारिता विभाग की मदद से 1700 से ज्यादा किसानों की जमा राशि का गबन किया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बिदुपुर, वैशाली के एक शिकायतकर्ता ने अपने राशन कार्ड नहीं बनवाये जाने के संबंध में शिकायत की तो वहीं हसनपुर, समस्तीपुर के एक आवेदक ने उनके पंचायत में मनरेगा योजना में अनियमितता के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या के शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया।
अररिया के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की तो वहीं दरभंगा के एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृति नहीं होने के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
नारदीगंज, नवादा के एक आवेदक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके वार्ड में मुखिया की वजह से नल-जल योजना नहीं लागू हो पाया है और गांव में पेयजल की समस्या बनी हुई है। तो वहीं कैमूर के एक आवेदक ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की दूसरी किस्त नहीं मिलने के कारण आगे उद्योग लगाने में परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एक आवेदक ने मुख्यमंत्री से कहा कि धान की अधिप्राप्ति के 6 महीने बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा है। पैसे के अभाव में मैं अपनी मां का इलाज नहीं करा पा रहा हूं। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धान बेचने वाले किसानों को पैसा क्यों नहीं मिला है। इस मामले को देखें और जितने भी इस तरह के और मामले हैं उसका समाधान करें।
मुख्यमंत्री से गोपालगंज के एक रिटायर्ड प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा कि सेवा निवृति के पश्चात् भी मुझे सेवांत लाभ नहीं दिया गया है। इसके चलते मुझे और मेरे परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग के द्वारा मेरा पेंशन रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मामले की समुचित जांच कर इनका समाधान करें।
जोगबनी से आए एक आवेदक मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि मस्जिद तक जाने के लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है। गांव के ही एक शख्स द्वारा जमीन कब्जा कर रास्ते को बंद कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिया।
पश्चिम चंपारण से आयी एक महिला आवेदक ने कहा कि ‘‘मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में थे। वह गन्ना विभाग में तैनात थे। 6 दिसंबर, 1997 को उनकी मौत हो गई। मेरी मां के निधन के 12 साल और पिता के निधन को 24 साल हो गये लेकिन अनुकंपा के आधार पर आज तक नौकरी नहीं मिल पायी है। मैंने सभी जगह गुहार लगायी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सुमचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चैधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा बिहार के मजदूरों की हत्या को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार की शाम बिहार के मजदूरों के साथ तीसरी आतंकवादी घटना घटी है जिसमें दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है और एक मजदूर घायल है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस घटना से हमलोग काफी दुखी हैं। इससे पहले भी बिहार के दो मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि कल शाम को घटना की जानकारी मिलते ही हमने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और हत्या पर अपनी गंभीर चिंता जताई और कहा कि बिहार के मजदूरों के साथ यह तीसरी घटना है इसको लेकर हमलोग काफी चिंतित हैं। उप राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह से गंभीर है, घटना के दोषियों पर कार्रवाई होगी। उप राज्यपाल के साथ हमलोगों का पुराना संबंध है, वे भी इस घटना से काफी चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काम के सिलसिले में कश्मीर गये बाहर के लोगों को जान- बूझकर निशाना बनाया जा रहा है। कल घर में घुसकर बिहार के दो लोगों की हत्या कर दी गई। इस तरह की घटना को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट है और जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को भी हमने अलर्ट कर दिया है। हमने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ भी इस घटना को लेकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि काम करने के लिए देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए हर नागरिक स्वतंत्र है। गरीब लोग काम के सिलसिले में देश के हर हिस्से में जाते हैं। ऐसे लोगों की हत्या हो रही है, यह चिंता का विषय है। इस पर पूरी तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमे भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन बिहार के लोगों की सुरक्षा का इंतजाम करेगा ताकि आतंकी इस तरह की घटना को अंजाम न दे सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को बिहार सरकार की ओर से हरसंभव मदद की जायेगी। मजदूरों के पार्थिव शरीर को बिहार लाने का इंतजाम किया जा रहा है। इसको लेकर बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हैं। मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके गांव तक पहुंचाया जायेगा। सहायता राशि के साथ-साथ विभागों के द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ भी मृतकों के परिजनों को दिलाया जायेगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में भी देश के अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की मदद की गई। केंद्र सरकार के सहयोग से ट्रेन के माध्यम से बिहार के लोगों को लाया गया। लगभग 21 लाख लोग बिहार वापस लौटे थे। सभी के लिए बिहार सरकार ने काम किया। मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और रेजीडेंट कमीश्नर के कार्यालय में कॉल सेंटर चलाया गया था ताकि बिहार से बाहर फंसे लोग अपनी परेशानियां बता सकें। बिहार सरकार ने बिहार एवं बिहार के बाहर कई जगहों पर बाहर से आने वाले लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कराया था। बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों से हमने बातचीत भी की थी, जिसमें हमने लोगों से अनुरोध किया था कि बिहार में रहकर ही काम कीजिए। बाहर से बिहार लौटे लोगों ने पश्चिमी चंपारण में काफी अच्छा काम शुरु किया था। हम तो चाहते हैं कि बिहार के लोग यहीं रहकर काम करें लेकिन हर किसी को कहीं भी जाकर काम करने की स्वतंत्रता है। किसी भी प्रदेश का आदमी किसी दूसरे प्रदेश में जाकर काम कर सकता है, ये उसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि हमारा शुरु से प्रयास रहा है कि कोई मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाये, अगर अपनी इच्छा से कोई जाना चाहता है तो यह अलग बात है। लोगों के रोजगार को लेकर बिहार में कई प्रकार के प्रबंध किये गये हैं। केंद्र सरकार ने भी इसमें सहयोग किया है। देश के दूसरे हिस्सें में जाने को लेकर किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता है क्योंकि यह उसका अधिकार है। एक से दूसरे राज्यों में जाकर लोग सरकारी नौकरी भी करते हैं। इस अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है।
आतंकवादियों के द्वारा बाहर के लोगों को कश्मीर छोड़ देने का अल्टीमेटम दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा अल्टीमेटम देने का किसी को भी अधिकार नहीं है। पूरा देश एक है। जम्मू-कश्मीर भी देश का अंग है। ऐसे अल्टीमेटम देनेवाले आतंकवादियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी ताकि आगे से ऐसा काम कोई नहीं कर पाये। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर अपनी चिंता प्रकट की है। गड़बड़ी करने वाले ऐसे लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटना को लेकर हमें अलर्ट रहना होगा।
पर्व त्योहार में बिहार वापस आनेवाले लोगों के लिए कोरोना के प्रति सतर्कता को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व-त्योहार में बाहर से काफी संख्या में लोग बिहार आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमलोग हर प्रांत में यह प्रचारित कराने जा रहे हैं कि बिहार वापसी से पहले प्रत्येक व्यक्ति अपना आर0टी0पी0सी0आर0 जांच और टीकाकरण अवश्य करा लें। इसके अलावा हमलोगों ने यह भी तय कर दिया है कि बाहर से आने वाला अगर कोई व्यक्ति जांच या टीकाकरण नहीं कराया है तो उनकी जांच और टीकाकरण कराया जाए। इसके लिए सभी जगहों पर प्रचारित किया जा रहा है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि आपके कोई आदमी बाहर से आ रहे हैं तो पूरे तौर पर उनकी जांच और टीकाकरण हो। इसके लिए सतर्क रहिए, सचेत रहिए। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में एक-एक बात पर चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी को अपने घर आने से रोका नहीं जा सकता है लेकिन उन्हें सचेत, सतर्क और जागरूक तो किया जा सकता है ताकि लोग सावधानी बरतें। हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि बिहार आने से पहले आर0टी0पी0सी0आर0 जांच और टीकाकरण अवश्य कराएं। अभी अपने बिहार में कोरोना के मामले न के बराबर हैं। आप देखते हैं कि यदि कहीं कोरोना के चार-पांच मामले निकल जाते हैं तो पता चलता है कि व्यक्ति बाहर से आया है। यहां कोरोना के मामले सबसे कम हैं। हमलोग पूरी तरह से अलर्ट हैं।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से तुलना करें तो हमारे बिहार में पर्व के दौरान आपसी झगड़े काफी कम होते हैं। पुलिस, प्रशासन और यहां के लोग कॉन्सस रहते हैं। अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर नजर रखी जाती है और एक्शन भी लिया जाता है। बिहार में पहले कितना दंगा-फसाद होता था और अब कितना होता है, यह सभी को मालूम है। पिछले पन्द्रह-सोलह सालों में बिहार की स्थिति दूसरी हो गई है। बिहार में अब पहले वाली स्थिति नहीं है। बाहर से जो लोग आयेंगे उन पर भी ध्यान रखा जाएगा। हमलोग सभी विभागों और जिलों से बात करके एक-एक चीज पर कॉन्सस हैं। वैसे तो कुछ बदमाश किस्म के लोग होते हैं जिनकी मानसिकता गड़बड़ करने की होती है, वैसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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