मुख्यमंत्री ने सरस्वती कुंड से वैतरणी घाट तक के जीर्णोद्धार कार्य का किया लोकार्पण
विजय शंकर
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में राजकीय राजगीर मलमास मेला-2023 का फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने राजकीय राजगीर मलमास (पुरुषोत्तम मास ) मेला के उद्घाटन समारोह के पूर्व सबसे पहले सप्तधारा ब्रह्मकुंड में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना की । ब्रह्मकुंड के पास स्थित महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर ध्वज की परिक्रमा भी की। इस अवसर पर महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति द्वारा आयोजित उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में पंडा समिति के अध्यक्ष श्री नीरज कुमार उपाध्याय एवं सचिव श्री विकास उपाध्याय ने प्रतीक चिह्न, पाग एवं शॉल भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया । कार्यक्रम के दौरान श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के प्रवक्ता श्री सुनील उपाध्याय ने फलाहारी बाबा परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़ा।
इस अवसर पर श्री महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मलमास मेले के अवसर पर उपस्थित आप सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। मलमास मेले की शुरुआत कल ही हो गई है लेकिन मैं कल बेंगलुरु में विपक्षी दलों की मीटिंग के कारण यहां नहीं आ पाया था, आज मुझे यहां आने का मौका मिला है। आपके बीच उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। हमने दो बार यहां आकर मलमास मेले की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे। मलमास मेले को लेकर यहां काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के सदस्यों ने अभी ब्रह्मकुंड से सूर्यकुंड तक सीधा फ्लाईओवर बनाने की मांग की है, हमने इसके लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द काम शुरू करें, हम इसे आकर देखेंगे। हम 7-8 वर्ष की उम्र से ही राजगीर आते रहे हैं। वर्ष 2009 में राजगीर में सात दिनों तक रुककर राजगीर के विकास की योजना बनाई और उस पर कई कार्य किए गए हैं। घोड़ाकटोरा, नेचर सफारी और राजगीर जू सफारी का निर्माण कराया गया, जिससे काफी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं। राजगीर जू सफारी में पाँच तरह के जानवर – बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ एवं हिरण रखा गया है। राजगीर में आवागमन की सुविधा को भी बेहतर बनाया गया है ताकि जो लोग भी यहां आयें, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि ऐसी मान्यता है कि मलमास के दौरान यहां पर 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं, जिस कारण राजगीर नगरी को बहुत पवित्र माना जाता है और बड़ी संख्या में लोग उनसे आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यहां आते हैं। मलमास मेले को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण, पेयजल की सुविधा, आवागमन की सुविधा सहित सभी प्रकार की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। राजगीर में सभी धर्म, संप्रदाय से जुड़े विशिष्ट स्थलों को विकसित किया गया है। हम बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म और सभी इलाकों के विकास के लिए लगातार काम करते रहे हैं। जितना भी संभव है हम लोगों के विकास के लिए काम करते रहेंगे। राजगीर में मलमास मेले के दौरान 70 से 80 लाख लोग आते रहे हैं। उम्मीद है कि इस बार 1 करोड़ लोग आएंगे। मलमास मेले के दौरान प्रशासन के सभी अधिकारी और आयोजक व्यवस्थाओं की बेहतर ढंग से मॉनीटरिंग करते रहें ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि राजगीर के साथ-साथ गया और बोधगया को भी विकसित किया गया है और राज्य के कई अन्य विशिष्ट स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ही ‘बिहारशरीफ का नामकरण किया। पहले इसे ‘बिहार’ के नाम से जाना जाता था। हम सभी क्षेत्रों के उत्थान और लोगों के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। बिहार गरीब राज्य है, फिर भी कई क्षेत्रों में बेहतर काम किया है, जिसकी सभी जगह प्रशंसा भी होती है और पुरस्कृत भी किया जाता है। मलमास मेले में आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आयोजक सारे कार्य बेहतर ढंग से करें। हम सभी धर्मों की इज्जत करते हैं। देश में प्रेम और भाईचारे का माहौल रहे, इसका ख्याल रखना है। आज कल मीडिया पर नियंत्रण कर लिया गया है। हमारी बातें कम छपती हैं, जबकि उनकी फिजूल की बातें भी छपती हैं। लोकसभा चुनाव के बाद जब उनसे मुक्ति मिलेगी तो सभी मीडियाकर्मी स्वतंत्र होकर अपनी बात लिख सकेंगे। राजगीर से मेरा पुराना संबंध है। राजगीर के विकास के लिए और जो कुछ भी संभव होगा हम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मलमास मेले के लिए जो व्यवस्था यहां की गई है, आनेवाले श्रद्धालुओं को काफी अच्छा लगेगा | मलमास मेला में पधारने वाले सभी श्रद्धालुओं को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं और राजगीर की धरती को नमन करता हूं।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सरस्वती नदी के सरस्वती कुंड से वैतरणी घाट तक के जीर्णोद्धार कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया और सरस्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी की सस्ती रसोई का भी उद्घाटन किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर, संसदीय कार्य मंत्री सह नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक श्री कौशल किशोर, विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव, श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के अध्यक्ष श्री नीरज कुमार उपाध्याय ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक श्री जितेंद्र कुमार, विधायक श्री कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, विधायक श्री राकेश रौशन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, जल संसाधन एवं लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अभय कुमार सिंह, भवन निर्माण विभाग के सचिव सह पटना प्रमंडल के आयुक्त श्री कुमार रवि, अपर पुलिस महानिदेशक, लॉ एंड ऑर्डर श्री संजय सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश राठी, गया के जिलाधिकारी श्री त्यागराजन एस०एम०, नालंदा जिला के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर, नालंदा जिला के पुलिस अधीक्षक श्री अशोक कुमार मिश्रा सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के सदस्यगण एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि कल बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों द्वारा आयोजित बैठक काफी अच्छी हुई। वहां 26 पार्टियां बैठक में शामिल हुईं। इसके पहले यहां पटना में 16 पार्टियां बैठक में शामिल हुई थीं। कुछ पार्टी को शामिल करने की सलाह हमने भी दी थी। हमलोगों को मिल-जुलकर एकजुट होकर आगे बढ़ना है। कल की मीटिंग में काफी अच्छी बातचीत हुई है।
नाराजगी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब फालतू बात है। मेरा मन तो राजगीर आने का था इसलिए हम चले आए। वहां पर सभी लोगों से बात हो गई थी, कोई जरूरी नहीं है कि सभी लोग वहां पर बैठकर अपनी बात कहें। बेंगलुरु में सबकुछ सर्वसम्मति से और ठीक ढंग से हुआ है। हमने अपना सुझाव भी वहां पर दे दिया है। सबकुछ अच्छे से हो रहा है।
विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखे जाने पर आपकी आपत्ति से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। पता नहीं मोबाइल पर कौन सब क्या चलाता है।
संयोजक बनाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी कोई च्वाइस नहीं है। हम सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के मुहिम में लगे हुए हैं। देशहित में काम होना चाहिए। मेरी कोई निजी पसंद नहीं है।
एन०डी०ए० के 38 दलों की मीटिंग के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दलों का क्या कोई मतलब है, आप पहले इन दलों का नाम तो देख लीजिए। पहले कभी एन०डी०ए० की बैठक बुलाई गई थी ? वर्ष 1999 में श्रद्धेय अटल जी की सरकार में यह गठबंधन बना था। हमलोग सरकार में थे। उस समय बैठक होती थी लेकिन उसके बाद फिर कभी नहीं हुई। अभी हमलोगों का देखा-देखी उनलोगों ने भी बैठक की है। हमलोगों की बैठक में सभी जाने-पहचाने दल शामिल हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता श्री जीतन राम मांझी को लेकर इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मीटिंग की बात विरोधी खेमे में जाकर कहते इसलिए हमने उनको गठबंधन से अलग होने के लिए कह दिया। हमलोग पूरी तरह से एकजुट । आज हम सुबह में ही राजगीर आना चाह रहे थे लेकिन देर से हेलीकॉप्टर आने की वजह से आने में देर हो गई।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट क्या होगा, पत्रकारों के इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत अच्छा रिजल्ट होगा। आपलोग देख ही रहे हैं कि विरोधी खेमे की हालत कितनी खराब है। अभी उनलोगों का मीडिया पर कब्जा है इसलिए उनलोगों की ज्यादा खबरें छपती हैं। उनलोगों का ज्यादा प्रचार होता है।