vijay shankar
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में बैठक की। बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री ने बिहार विधान मंडल परिसर में भ्रमण कर शताब्दी समारोह के आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने विस्तारित भवन के बेसमेंट में निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का भी जायजा लिया और निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, संसदीय कार्य सह शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी स्थित थे।
बिहार विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए आदरणीय राष्ट्रपति 20 अक्टूबर को बिहार आयेंगे और 21 अक्टूबर को समारोह में शामिल होंगे। विधानसभा के अध्यक्ष ने राष्ट्रपति महोदय को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि आज हमलोगों ने बैठक कर शताब्दी समारोह की तैयारियों का जायजा लिया है। बाढ़ को लेकर नेता प्रतिपक्ष द्वारा पत्र लिखे जाने को लेकर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कोई पत्र नहीं मिला है। पत्र सिर्फ मीडिया में आता है। मीडिया द्वारा हमें उनके पत्र की जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि जब से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया तभी से हमलोगों ने बाढ़ को लेकर काफी काम किया है। वर्ष 2007 से हमलोग आपदा प्रबंधन का काम कर रहे हैं। इस वर्ष भी बाढ़ के दौरान हमने खुद कई जगहों पर जाकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित लोगों को मदद करने का निर्देश दिया। जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने भी अपने-अपने जिले में जाकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया ताकि सभी प्रभावित लोगों तक मदद सुनिश्चित हो सके।
हमलोग बाढ़ प्रभावित सभी लोगों की मदद करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की टीम ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया है। केंद्र सरकार को जो भी मदद करनी होगी वो करेगी। पहली बार वर्ष 2007 में हमें केंद्र सरकार की मदद की जरुरत पड़ी थी। उस समय की केंद्र सरकार ने ज्यादा कुछ मदद नहीं की थी, थोड़ी बहुत मदद केंद्र सरकार से मिली थी। केंद्र सरकार की योजना के अनुसार राज्यों को मदद की जाती है। बाढ़ को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से सक्रिय है। प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने से लेकर बाढ़ प्रभावित इलाके से लोगों को सुरक्षित निकालना और उनके लिए राहत शिविर चलाना, ये सभी काम सरकार ने पूरी तत्परता से किया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कोरोना टेस्ट भी किया गया है। अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। सभी का टीकाकरण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण बर्बाद हुए फसलों एवं जहां फसल नहीं लगाये जा सके हैं, उन सभी किसानों को सहायता दी जा रही है। बाढ़ की स्थिति को लेकर हमने कई दौर की बैठक की है। सभी मंत्रियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की गई। हमने इस संबंध में सभी जिलों के डी०एम० को गाइडेंस दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में कोई कमी नहीं होने दी गई है। जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हम सभी दलों के साथ बैठक कर निर्णय लेंगे। विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष दर्जे की मांग को हमने नहीं छोड़ा है। हमलोग शुरु से ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं। फैसला लेना केंद्र सरकार का काम है। गरीब राज्यों को सहायता देना केंद्र सरकार का काम है। योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने अपने ढंग से इसको कहा था कि काफी दिनों से विशेष दर्जे की मांग को नहीं माना गया है तो विशेष सहायता ही दी जाय।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। अगर कहीं कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर कार्रवाई होती है। बिहार में प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। जजों की सुरक्षा को लेकर पहले से ही सारे इंतजाम किया हुआ है। कहीं कोई घटना घटित होने पर उस पर तुरंत कार्रवाई होती है। किसी को भी छोड़ा नहीं जाता है।