नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने एक बयान जारी कर कहा है कि जनता दल यूनाइटेड हमेशा से जातिगत जनगणना का पक्षधर रहा है। उन्होंने कहा कि  सामाजिक न्याय की मजबूती, समतामूलक एवं समरस समाज कीे स्थापना के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के पक्षधर हैं। उनके अनुसार जहां तक जातीय जनगणना का प्रश्न है हमारे सर्वमान्य नेता एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार प्रारंभ से ही इसकी मांग करते रहे हंै। अन्य राजनीतिक पार्टियां जहां जातिगत जनगणना की मांग राजनैतिक लाभ के लिए करती हैं, वहीं दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड जातिगत जनगणना की माँग, लोक-कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने, राज्य में संतुलित और समग्र विकास एवं समतामूलक समाज की स्थापना के साथ-साथ समाजिक न्याय के मजबूती के लिए करती है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बिहार सरकार खुद ही जातीय जनगणना कराएगी।
उन्होंने कहा कि जनगणना से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, संविधान की सातवीं अनुसूची के विषय संख्या 69 मे स्पष्ट है। जनगणना पर विधि का निर्माण करना एवं जनगणना के कार्य का संपादन कराना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में शामिल है। इसके बावजूद हमारे नेता नीतीश कुमार लोकहित में सतत रूप से जातीय जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। बिहार सरकार इसके लिए कानूनी विकल्प की तलाश कर रही है ताकि इस कार्य को शीघ्र संपादित किया जा सके। वही विपक्षी पार्टियां सरकार पर जाति जनगणना को टालने का झूठा आरोप लगा रही है जो उनके राजनीतिक अज्ञानता को दर्शाता है। विपक्षी पार्टियां केवल जातीय मुद्दे को हवा देकर अपना राजनीतिक हित साधने एवं स्वयं को मीडिया में बने रहने की खेल खेल रही हैं
सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी एवं नागराजन केस में रिजर्वेशन के मामले जातियों के अद्यतन डाटा की आवश्यकता पर बल दिया था। जातिगत जनगणना किसी विशेष जाति या वर्ग के लिए नहीं है बल्कि यह संपूर्ण समाज के समग्र संतुलित एवं समावेशी विकास के लिए एक संवेदनशील मामला है। इस मामले का हमारे नेता आदरणीय श्री नीतीश कुमार सभी राजनीतिक दलों के साथ मिल बैठकर लोकतांत्रिक एवं वैधानिक ढंग से समाधान चाहते हैं ।

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