जन्मदिन महान हास्य कलाकार केश्टो मुखर्जी (1925-1982)
उदय मिश्र
केश्टो मुखर्जी का नाम लेते ही हिचकी लेते हुए कोई शराबी हमारे को याद आता है। हिन्दी फिल्मों में शायद ही उनसे ज्यादा शराबी का किरदार किसी और ने निभाया होगा। आज इस महान अभिनेता का जन्मदिन भी है!
उनके शराबी के किरदार की शुरुआत किस तरह हुई यह भी एक रोचक किस्सा है। शुरू में बंगाली फिल्मों में काम करते थे पर बाद में काम की तलाश में बॉम्बे आ गए और हिंदी फिल्मों में छोटे छोटे रोल करने लगे। एक दिन प्रसिद्ध निर्देशक असित सेन एक फ़िल्म बना रहे थे ‘माँ और ममता’ उन्होंने केश्टो मुखर्जी से पूछा, “शराबी की एक्टिंग करेगा।” केश्टो ने अपने स्वयं को धमकी देते हुए कहा अगर जिंदा रहना है तो हाँ कर दे और उन्होंने असित दा को हाँ कर दी। इसके बाद उन्होंने शराबी की हरकतों को ध्यान से देखना प्रारंभ किया।
उन्होंने देखा शराब पीने के बाद शराबी लोग निम्नलिखित हरकतें करते हैं
1.मचलते हैं,
2. खूंखार होकर हंगामा करते हैं
3. चुपचाप बिस्तर में जा कर सो जाते हैं
4. ऐसी हरकतें करते हैं जिसे हास्य पैदा है और आम जनता का मनोरंजन होता है
केश्टो ने अंतिम विकल्प चुना।
‘माँ और ममता’ फ़िल्म में उनका शराबी का अभिनय सबको इतना अच्छा लगा कि उसके बाद हर पटकथा लेखक को निर्देश दे दिए गए कि उनकी पटकथा में एक शराबी का रोल अवश्य रखा जाए जो केश्टो पर फिल्माया जायेगा। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इस शराबी की एक्टिंग में सिद्धहस्त इस महान अभिनेता ने अपनी पूरी जिंदगी में शराब को कभी चखा भी नहीं था।
उन्होंने फिल्म जगत में यह सिद्ध कर दिया कि छोटे छोटे किरदार निभा कर भी आप अपने अभिनय के बलबूते पर फ़िल्म को सुपर हिट करवा सकते हो। लगभग 150 फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया । ज्यादातर फिल्मों में उनका रोल छोटा ही था पर उन्होंने अपने शानदार अभिनय से हर फिल्म में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई । उदाहरण के लिए चाहे वह फ़िल्म शोले का हरिराम नाई का हो या चुपके चुपके का ड्राइवर जेम्स डिकोस्टा हो ।
उनकी बोलती आँखें बगैर संवाद के ही बहुत कुछ बोल देती थीं। मेरे विचार में यह उनके अभिनय की सबसे बड़ी ताकत थी।
महान फ़िल्म निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी और गुलजार ने अपनी लगभग हर फ़िल्म में केश्टो से अभिनय करवाया।