नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 

पटना : पटना साहिब सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने आज लोक सभा में बिहार के जहरीली शराब की घटना में लगभग सौ से अधिक मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग करते हुए लोक सभा में विषय उठाया। उन्होंने कहा कि घटना की जो सही तस्वीरें आ रही है उससे स्पष्ट हो रहा है कि बड़ी संख्या में मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया और ना ही उनका विशरा सुरक्षित रखा गया जो जहर से मौत की जांच में अति आवश्यक होता है। कई मृतकों के परिवारवालों ने कई टी.वी. चैनल पर स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस के द्वारा हड़बड़ी में बिना पोस्टमार्टम कराये अंतिम संस्कार के लिए उनपर दवाब डाला गया। वैसे भी शराबबंदी के बावजूद इतने बडे़ स्तर पर शराब का व्यापार बिना पुलिस की मिलीभगत के धड़ल्ले से नहीं हो सकता।

श्री प्रसाद ने लोक सभा में कहा कि मरने वाले लोगों में अधिकांश, गरीब, दलित, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के लोग हैं और जिनका बिना पोस्टमार्टम कराये और बिना विशरा को सुरक्षित रखे हड़बड़ी में अंतिम संस्कार करवाया गया, यह सीधा-सीधा मानवाधिकार का उल्लंघन है जो बच्चे अनाथ हुए, महिलाएँ विधवा हुई, सवाल उनके भी मानवाधिकार का है।

श्री प्रसाद ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि मानवाधिकार की जांच मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग और बाल अधिकार आयोग के प्रतिनिधि भी करे और उचित कार्रवाही करे। साथ ही उन्होंने इस मांग को दोहराया कि यह बहुत ही जघन्य अपराध हुआ है और इससे नितीश कुमार अपने शासकीय, वैद्यानिक और नैतिक दायित्वों से मुक्त नहीं हो सकते। उन्होंने बिहार सरकार से यह मांग की है कि सभी मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाये जैसे पूर्व में भी दिया गया है।

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