नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना : जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है एक के बाद एक लोकतंत्र के सभी स्तंभ पर हमला बोल रही है। यह हर विरोधी स्वर को, हर आलोचना को कुचलने का कुल्सित प्रयास में लगी है। मीडिया के खिलाफ अजीब भय का वातावरण पैदा किया जा चुका है। मीडिया से जुड़े लोगों को और खासकर पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। न्यूज में देखा कि झारखंड के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के घर पे ईडी का छापा पड़ा। पुलिस द्वारा देश के जानेमाने पत्रकारों को प्रताड़ित करने का काम पहले से चल रहा है। कांग्र्रेस ये सब बर्दास्त नहीं कर सकती। यह बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने बुधबार को होटल मौर्या में आयोजित एक विशेष प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कही।

मीडिया पर हो रहे अत्याचार पर धाबा बोलते हुए डा0 सिंह ने कहा कि देश के कई नामचीन पत्रकारों को मोदी सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जाता रहा है। जैसे अजीत अंजुम, रवीस कुमार, पुण्य प्रसून बाजपेयी और अभिसार शर्मा इत्यादि। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति एकदम आपातकाल वाली स्थिति है। आपालकाल के दौरान भी मीडिया अपना संपादकीय विरोध स्वरूप खाली छोड़ दिया करती थी और बाकी पन्नों पर सरकार की आलोचना होती थी। आज आलोचना करो तो ईडी का छापा। आखिर भाजपा को मीडिया से इतना डर क्यों है? एक सबाल बार-बार मन में आता है कि आखिर मोदी जी पिछले 10 सालों में एक भी प्रेसवार्ता क्यों नहीं की। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की ऐसी दयनीय स्थिति कभी नहीं रही। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह को याद करते हुए कहा कि उनके समय में मीडिया के लोग उनके साथ चलते थे। पूरा माहौल बदल गया है।

इस प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस के जो लोग शामिल रहे वे हैं-कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता डा0 शकील अहमद खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा0 मदन मोहन झा, ब्रजेश पाण्डेय, कपिलदेव प्रसाद यादव, राजेश राठौड़, लाल बाबू लाल, आनन्द माधव, डा0 विनोद शर्मा, असित नाथ तिवारी, ज्ञान रंजन।

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