विजय शंकर
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को दरभंगा के गोशाला प्रांगण में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लाकडाउन के दौरान आइटीसी जैसी बडी कंपनी ने बिहार के किसानों से 20 हजार मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा। 10 हजार टन लीची की खरीद भी ठेके पर खेती के तहत हुई, लेकिन एक भी किसान के खेत पर किसी कारपोरेट कंपनी का कब्जा नहीं हुआ ।
उन्होंने कहा कि ठेका खेती से किसानों का मुनाफा सुनिश्चित होता है और बाजार मूल्य कम होने पर भी कंपनियां पहले से तय मूल्य पर फसल खरीदने को बाध्य होती हैं। यह किसानों के हित में है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये कृषि कानून के जरिये ठेका खेती को वैधानिक सुरक्षा प्रदान की।
श्री मोदी ने कहा कि 2006 में बिहार की पहली एनडीए सरकार ने सालाना 70 करोड के राजस्व का नुकसान उठाकर बाजार समिति अधिनियम समाप्त किया और लाखों किसानों को 1 फीसद बाजार समिति कर से मुक्ति दिलायी। कांग्रेस ने 2019 के घोषणापत्र में मंडी-बाजार समिति व्यवस्था खत्म करने का वादा किया था।
श्री मोदी ने कहा कि जो मंडी व्यवस्था बिहार में 14 साल पहले खत्म हो गई और जिसे कांग्रेस 2019 में खत्म करना चाहती थी, वह काम प्रधानमंत्री मोदी ने देशव्यापी कानून के जरिये कर दिया, तो राहुल गांधी छाती क्यों पीट रहे हैं?
श्री मोदी ने कहा कि पंजाब में मंडी शुल्क 8 फीसद है, जिससे राज्य सरकार और आढतियों-बिचौलियों को मोटी कमाई होती है, लेकिन किसान को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र के नये कृषि कानून इस कमाई पर चोट करते हैं इसलिए बिचौलिये और कुछ राज्य सरकारें किसानों को भडका कर प्रधानमंत्री की छवि खराब करना चाहती हैं ।