ट्रेड यूनियनों व किसान संगठनों के आह्वान पर आयोजित देशव्यापी काला दिवस के समर्थन में प्रदर्शन

पटना : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) व ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज 26 मई 2021 को “भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिवस” के रूप में मनाने के आह्वान के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा, ऐक्टू और माले नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भी पूरे राज्य में विरोध दर्ज किया. राज्य के अन्य जिलों में भी किसान महासभा, ऐक्टू और माले कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.

किसान व ट्रेड यूनियन नेताओं ने आज का काला दिवस अखिल भारतीय किसान महासभा के पटना स्थित मुख्यालय पर मनाया. इस अवसर पर कोविड नियमों का पालन करते हुए किसान व ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने काला झंडा व अपनी मांगो के बैनर के साथ नारे लगाए, विरोध जताया और अपनी मांगो को बुलंद किया.

कार्यक्रम में किसान महासभा के महासचिव कॉमरेड राजा राम सिंह , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड के डी यादव , राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व विधायक अरुण सिंह , राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य उमेश सिंह , कार्यालय सचिव कॉमरेड अविनाश पासवान, एआईसीसीटीयू के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड रणविजय कुमार, आशा कार्यकर्ता की राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड शशि यादव के साथ दर्जनों किसान व मजदूर, युवा कार्यकर्ता मौजूद थे.

मौके पर राजाराम सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 माह पूरा हो चुका है, अपनी मांगो को लेकर किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार कॉर्पेरेटों के हित में अपनी जिद पर अड़ी हुई है. हमारी मांग है कि फासीवादी केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को बिना शर्त रद्द करे और C2 के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए. हमारे राज्य बिहार में 2006 से बंद APMC मंडियों को पुनः बहाल कर खरीद शुरू की जाए तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल कुल 23 फसलों के साथ गन्ना, आलू, प्याज, दुग्ध, मछली को भी शामिल किया जाए और बटाईदार किसानों को पहचान पत्र देते हुए सरकारी सहायता दिया जाए. उन्होंने कहा कि कानून को रद्द किए बगैर किसान घर नहीं लौटेंगे. उन्होंने प्रस्तावित बिजली बिल भी वापस लेने की मांग की.

पटना, राज्य कार्यालय में माले राज्य सचिव कुणाल ने काला दिवस के समर्थन में तख्ती के साथ प्रदर्शन किया और कहा कि दिल्ली के बॉर्डरों पर 6 माह से धरना पर बैठे किसानों की मांगों के प्रति सरकार का उपेक्षा पूर्ण रवैया निंदनीय है. अब तक सौ से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, कोविड अपने विकराल रूप में है फिर भी सरकार कॉरपोरेटों के हित में काम किए जा रही है. सरकार को देश की असली आवाज सुननी चाहिए. हमारी पार्टी पूरी तरह से किसान आंदोलन के पक्ष में है.

 

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