दिल्ली की सीमाओं पर किसान और पुलिस आमने-सामने, आंसू गैस और पानी की बौछारें भी किसानों को रोकने में विफल, किसानों ने फेंके रोड बैरियर, पत्थर भी फेंके, मानने को तैयार नहीं , किसान अब जाने लगे दिल्ली की ओर, सरकार 3 दिसंबर को बात करने को तैयार , दिल्ली सरकार ने 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की नहीं दी अनुमति, आम लोग परेशान
सुभाष निगम /विजय शंकर
नयी दिल्ली । कृषि सुधारों के खिलाफ किसानों का विरोध उग्र होता जा रहा है । सरकार का रवैया भी सख्त हो रहा है । शुक्रवार को किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई । पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सिंधु बॉर्डर पर पानी कि बौछार दिए गए और आंसू गैस के गोले दागे । बावजूद इसके किसान एक कदम भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है । किसान दिल्ली आने की जिद किए बैठे हैं और प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर आकर धरना-प्रदर्शन करना चाहते हैं । मगर दिल्ली सरकार उन्हें दिल्ली में घुसाने नहीं देना चाहती है । इधर सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति दे दी गयी है । दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी मैदान में धरना देने की अनुमति दे दी है ।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सरकार बातचीत करने को तैयार है और 3 दिसंबर कि तारीख पहले से तय है । इस बीच दिल्ली सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में घुसने की स्थिति में हिरासत में लेकर उन्हें स्टेडियम में रखना चाहती है और इसके लिए एक स्टेडियम को अस्थायी जेल का रूप देना चाह रही है । दिल्ली के हरियाणा बार्डर के साथ-साथ उत्तरप्रदेश के बार्डर पर भी किसान तैनात हैं और मुजफ्फरनगर में आन्दोलनकारी किसानों ने ट्रेन को रोक रखा है और दिल्ली आने को वे लोग भी कोशिश में लगे हैं । सिंधु बॉर्डर के अलावे पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के 6 रास्तों पर किसानों का बड़ा जत्था मौजूद है जो दिल्ली आने की कोशिश में है । इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि तीन दिसंबर को वो किसानों से बात करेंगे । किसानों की मांग है कि पीएम उनसे बात करें और उसके लिए भी सरकार को एतराज नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है क्योंकि किसानों के बनाया गया कानून किसानों को लाभ पहुँचाने वाला है न कि उनका नुकसान होने वाला है । उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का सम्मान करती है और आगे भी करेगी और बातचीत से मामले सुलझाये जा सकते हैं।
किसानों के प्रदर्शन के कारण बॉर्डर पर जाम की स्थिति है और हर वाहन की तलाशी ली जा रही है । पुलिस को डर है कि किसान वाहनों में छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर आ सकते हैं । यही कारण है कि पुलिस सख्ती बरत रही है । किसानों के इस विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली में कई स्थानों पर मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं । दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, श्रीराम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलां, घेवरा स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया है । पुलिस ने हर मोड़ पर किसानों को रोकने की तैयारी कर रखी है और किसान कभी भी दिल्ली आ सकते हैं । इसके लिए दिल्ली पुलिस ने राज्य सरकार से कुल 9 स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने के लिए अनुमति मांगी है । हालाँकि अभी तक सरकार से इसकी अनुमति नहीं मिली है इसलिए किसान को हिरासत में लेना दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी समस्या होगी । दिल्ली सरकार का तर्क है कि किसानों को हिरासत में नहीं लिया जा सकता ।
कोरोना संकट में राजधानी में बड़ी संख्या में एक जगह जमा होना मना है । ऐसे में अगर किसान दिल्ली में आते हैं तो उन्हें हिरासत में लेकर अस्थाई जेलों में बंद कर दिया जाएगा । दिल्ली मेट्रो नोएडा और गुरुग्राम तो जा रही हैं, लेकिन उधर से सवारी लेकर वापस नहीं आ रही हैं ।
उत्तर प्रदेश के किसान भी पंजाब-हरियाणा के किसानों के साथ मैदान में हैं । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हजारों की संख्या में किसान आने वाले हैं । ये किसान जगह-जगह ट्रेनों को भी रोक रहे हैं । दिल्ली-देहरादून राजमार्ग को समेत अन्य हाई वे जाम किये हुए हैं । पंजाब से चले किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली आ रहे हैं, देर रात तक किसान पानीपत तक पहुंचे थे, अब दिल्ली बॉर्डर के कुछ ही करीब हैं पंजाब से चले किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली आ रहे हैं. देर रात तक किसान पानीपत तक पहुंचे थे, अब दिल्ली बॉर्डर के कुछ ही करीब हैं ।
उधर, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि किसानों पर पुलिस द्वारा लिया जा रहा एक्शन गलत है । केंद्र सरकार को तुरंत किसानों से बात करनी चाहिए और कृषि संबंधी कानून वापस लेना चाहिए । आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का कहना है कि राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस की अस्थाई जेल बनाने की अपील को ठुकरा देना चाहिए । किसान अपने हक की बात कर रहे हैं वो कोई आतंकी नहीं हैं ।
उल्लेखनीय है कि कल 26 नवंबर को भी अंबाला में किसानों और पुलिस की भिड़ंत हुई थी । तब पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ी थीं. लेकिन किसान हटने को तैयार नहीं थे । किसानों ने रास्तों को रोकने वाले बैरिकेडिंग्स को ट्रैक्टर से उठाकर हटा दिया था । वॉटर कैनन की मार से भी किसान नहीं रुक रहे थे । सभी किसान राशन-पानी लेकर आन्दोलन करने को पहुंचे हैं |।
जानकारी के अनुसार गुरुवार की तरह ही आज भी दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-नोएडा, कालिंदी कुंज, DND समेत अन्य रूट पर भारी जाम कि स्थिति हैं । दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी है । वाहनों की चेकिंग हो रही है । यूपी में भी किसान सड़कों पर हैं और किसानों ने दिल्ली-देहरादून हाइवे बंद करने की चेतावनी दी है । ऐसे में दिल्ली के पास नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ रूट पर जाम की दिक्कत हो सकती है । वहां चालको और निजी वाहनों को भी जाम को देखते हुए अपने-अपने मार्ग बदलकर जाने के लिए कहा गया है ।