सुभाष निगम
नयी दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया । उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया। दिल्ली सरकार और बैजल के बीच सबसे बड़ा झगड़ा तब हुआ जब केजरीवाल और उनके मंत्रियों के मंत्रिमंडल ने उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार के साथ तैनात आईएएस अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।

नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद 31 दिसंबर, 2016 को पदभार संभालने वाले बैजल ने पांच साल और चार महीने से अधिक का लंबा कार्यकाल पूरा किया है। कई मुद्दों पर उनका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ टकराव चल रहा था।

बैजल 1969 बैच के एजीएमयूटी कैडर के हैं, जो अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश के आईएएस अधिकारी के रूप में रहे है । दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है । बैजल को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह सचिव नियुक्त किया गया था । कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा शहरी विकास मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था । नौकरशाही में अपने 37 साल के करियर के दौरान, बैजल ने इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, प्रसार भारती निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गोवा के विकास आयुक्त और नेपाल में भारत के सहायता कार्यक्रम के प्रभारी सलाहकार के रूप में भी काम किया। बैजल फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (FIA) के महासचिव थे।

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