कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी रोये, कहा-आतंकवाद से मुक्त हो भारत
सुभाष निगम
नयी दिल्ली : मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रो पड़े, उनकी आँखें भर आईं। पीएम मोदी के मुंह से बोल नहीं निकल रहे थे, गला रूंध उठा था। उन्हें बार-बार पानी पीना पड़ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे पीएम मोदी का दिल दुःख से बैठ गया है। दरअसल, पीएम मोदी एक घटना का जिक्र करते हुए उसमें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की फिक्रबंदी पर भावुक हो उठे। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद जब विदाई भाषण के लिए खड़े हुए तो वह भी रो पड़े और कहा कि मै कभी पाकिस्तान नहीं गया और मुझे फक्र है कि मैं भारत जैसे देश में पैदा हुआ । मैं कामना करता हूँ कि भारत आतंवाद से मुक्त हो ।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में चार सांसदों का आज कार्यकाल खत्म हो गया है । सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद भी इन्हीं नेताओं में से एक हैं । राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद का आज अंतिम दिन था और पीएम मोदी गुलाम नबी आजाद की विदाई पर बोल रहे थे । इसी दौरान उन्हें एक घटना याद आ गई जिसमें गुलाम नबी आजाद की चिंता का जिक्र मोदी करने लगे और इस बीच उनकी आँखें भर आईं। पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की खूब तारीफ की और बताया कि वह कैसे नेता हैं जिनकी जगह लेना किसी के लिए बड़ा मुश्किल है ।
पीएम मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो एक बार गुजरात के यात्रियों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें क़रीब 8 लोग मारे गए । इस घटना के बाद सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया, वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था। घटना पर फिक्र करने का था। उनके आंसू रूक नहीं रहे थे। पीएम मोदी ने बताया कि उस समय प्रणव मुखर्जी साहब रक्षा मंत्री थे। मैंने फोन किया कि साहब अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए डेड बॉडी को लाने के लिए। रात देर हो गई थी… प्रणव मुखर्जी ने कहा कि आप चिंता न करें। मैं व्यवस्था करता हूं, लेकिन रात में गुलामनबी जी का फिर फोन आया, वे एयरपोर्ट पर थे । वाकई उन्होने वैसी चिंता की। जैसे कोई अपने परिवार के सदस्य की चिंता करता है। मेरे लिए वो बड़ा भावुक पल था। एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का मैं घटनाओं और अनुभव के आधार पर आदर करता हूं। पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की तारीफ में आगे कहा कि ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। पीएम मोदी ने कहा कि जो व्यक्ति ग़ुलाम नबी जी (विपक्ष के नेता के रूप में) का स्थान लेगा, उसे अपना काम करने में कठिनाई होगी क्योंकि वह न केवल अपनी पार्टी के बारे में बल्कि देश और सदन के बारे में चिंतित थे। कांग्रेस को गुलाम नबी आजाद जैसा नेता नहीं मिलेगा।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी जब विदाई भाषण के लिए खड़े हुए तब उनकी भी आँखे नाम हो गयी और उन्हें भी आँख पोछना पड़ा । अपने लम्बे भाषण में उन्होंने देश की व्यवस्था की चर्चा की और हिन्दू -मुसलमानों के दायित्वों पर अपनी बात रखी । उन्होंने कहा कि मुसलमानों को देश हित में सोचना चाहिए और बहुसंख्यक को भी अल्पसंख्यक को आगे बढ़कर सम्मान देना चाहिए तभी देश की सही तरक्की हो पायेगी । गुलाम नवी ने कहा कि मैं कामना करता हूँ कि भारत आतंवाद से मुक्त हो । आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को भी बाज आना चाहिए, चाहे वो किसी भी संप्रदाय के हों ।