मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की ओर से राजन कुमार को ख़ास तौर पर सर्टिफिकेट ऑफ कमिटमेंट दिया गया
मुंगेर बिहार में राजन कुमार के स्वागत की तैयारियां जोर शोर से शुरू
मुंगेर के जिलाधिकारी नवीन कुमार ने राजन कुमार को मुंगेर का नाम रौशन करने के लिए बधाई दी
नॅशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस की परेड हर प्रकार से बेमिसाल मानी जाती है। विश्व के तमाम देशों में भारत की संप्रभुता, अखंडता की निशानी के रूप में गणतंत्र दिवस की परेड को देखा जाता है और कई लोग बाकायदा विदेशों से यहां आते हैं और टिकट लेकर इस कार्यक्रम को देखते हैं, इस बार भी कई देश के लोग दर्शक दीर्घा में थे और सभी वस्त्र मंत्रालय की झांकी को देखकर खुशी से झूम उठे। इसमे देश की क्षमता, भव्यता, शक्ति और भविष्य की सम्भावनाओ का खुला प्रदर्शन होता है। यह परेड पूरे विश्व मे अपनी भव्यता और विविधता और उत्कृष्टता के लिए विख्यात है। इस परेड में देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन होता है तो दूसरी तरफ देश के लगभग हर राज्य से आने वाली कला मंडलियां अपनी उत्कृष्ट कला का नमूना प्रस्तुत करती हैं। हर प्रदेश की अपनी अलग झांकी होती है, कुछ कारणों से पिछले कुछ वर्षों से बिहार की झांकी नही दिखाई जा रही है लेकिन कलाकार को अपनी कला की अभिव्यक्ति का कोई न कोई माध्यम मिल ही जाता है। बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कलाकार राजन कुमार वैसे है तो बिहार के लेकिन गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड में प्रतिनिधित्व किया गुजरात का। वह वस्त्र मंत्रालय की झांकी का एक हिस्सा बने जिन्होंने गुजराती वेशभूषा धारण करके गुजरात की पारंपरिक कला, संस्कृति और परिधान का प्रदर्शन किया।
राजन कुमार ने ऐतिहासिक परेड में अपनी परफॉर्मेंस और डांस से सबको दीवाना बना लिया। यह शो लाइव टीवी चैनल्स पर दिखाया गया जिसमें सभी ने राजन कुमार की परफॉर्मेंस देखी और उनके फैन्स, बिहार और मुंगेर के लोग काफी खुश और उत्साहित हुए।
रिपब्लिक डे परेड राजपथ पर हीरो राजन कुमार के जलवे देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। बड़ी पगड़ी कलरफुल ड्रेस पहने गुजराती वेशभूषा में वस्त्र मंत्रालय की झांकी को राजन कुमार ने बखूबी पेश किया।
मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की ओर से राजन कुमार को सर्टिफिकेट ऑफ कमिटमेंट भी दिया गया जिसमें लिखा है कि 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजन कुमार ने देश के लिए जो कमिटमेंट दिखाई है वह प्रेरणादायक है।
दिल्ली में सफल कार्यक्रम करके बिहार लौटने वाले हैं राजन कुमार, लेकिन अभी से मूंगेरवासी और बिहारवासी उनके स्वागत के लिए उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इनकी जोर शोर से बिहार में स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं जिसमे पहचान लाइव फॉउंडेशन , जिला प्रशासन और उनके गांव के लोग जलसे की तैयारी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस पर हर साल दिल्ली के राजपथ पर ऐतिहासिक परेड होती है। इस साल भी 26 जनवरी उसी शान से मनाई गई।
बता दें कि हीरो राजन कुमार बिहार के मुंगेर जिला के टेटिया बम्बर प्रखंड के हैं। यह मुंगेरवासियो, बिहार वासियों और पुरे देश वासियों के लिए खुशी और प्रेरणा का विषय है कि एक छोटे से शहर के युवा ने इस ऐतिहासिक दिन पर अपनी कला का लाजवाब प्रदर्शन किया। राजन कुमार एक किसान पिता के पुत्र हैं मगर उनके कारनामे सारी दुनिया मे मशहूर हैं।
राजन कुमार ने इस परफॉर्मेंस की तैयारी 24 दिनों पहले से शुरू कर दी थी। देशभक्ति का गहरा जज़्बा राजन कुमार को एक अलग मुकाम पे ले जाता है। बता दें कि शुरू से ही राजन कुमार को कला संस्कृति से बेहद लगाव रहा है। यही वजह है कि 1998 में भारत सरकार ने उन्हें छाव डांस के लिए नेशनल अवार्ड दिया था। 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में और 2005 मे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल हुआ। और फिर उनका नाम चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। कई खास मौके पर राजन कुमार ने भारत की कला संस्कृति को उजागर किया है, भारत का नेतृत्व किया है पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय कलाकार राजन कुमार के कद्रदान हैं उनके चाहने वाले हैं। इस बार मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल (वस्त्र मन्त्रालय) की झांकी पर राजन कुमार ने गुजराती अटायर में अपनी कला का जादू दिखाया।
बता दें कि बिहार में पहले कलाग्राम की स्थापना से लेकर बिहार फिल्म एंड टेलीविजन आर्टिस्ट असोसिएशन की स्थापना तक राजन कुमार ने काफी उल्लेखनीय काम किए हैं।
राजन कुमार की काफी विशेष उपलब्धियां हैं। मुंगेर के गांव टेटिया बम्बर में उनके नाम पर लोकप्रिय अभिनेता राजन कुमार मार्ग भी स्थित है। ग्रामीणों ने अपनी दुकान का नाम भी राजन कुमार जेनरल स्टोर रखा हुआ है।
“लोकप्रिय अभिनेता राजन कुमार रंगकर्मी सम्मान” हर साल अंग नाट्य महोत्सव बरियारपुर में दिया जाता है। इसमे विजेता को ढाई हजार रूपए कैश इनाम के अलावा सर्टिफिकेट, मोमेंटो भी दिए जाते हैं। इस साल 28 फरवरी और 1 मार्च 2022 को यह सम्मान होना है।
देश की संस्कृति और साहित्य के लिए पुस्तकें भी राजन कुमार लिखते रहते हैं। गाज़ी मोईन द्वारा लिखित राजन कुमार पर एक पुस्तक कारनामे काफी चर्चा में रही है। बिहार के चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिसर एच आर श्रीनिवासा जब राजन कुमार से मिले तो आइकॉन राजन कुमार के कार्य की प्रशंसा की। तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कदम से कदम मिलाकर आइकॉन की इस मुहिम को आगे बढ़ाया था। और एक प्रशस्ति पत्र भी दिया था।
मुंगेर के वर्तमान जिलाधिकारी नवीन कुमार ने खास तौर पर राजन कुमार को फोन करके मुंगेर का नाम रौशन करने के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि युवाओं में एक जोश है वह आपसे प्रेरणा लेते हैं, बहुत कुछ आपसे सीखकर नौजवान आगे अपने जिला, राज्य और देश का नाम ऊंचा करेंगे।