बिमल चक्रवर्ती

धनबाद : धनबाद जिले के जन वितरण विक्रेता जो भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा योजना का संचालन करते आ रहे हैं, हमने कोविड संक्रमण के दौर में भी अपनी जान जोखिम में डालकर एनएफएसए के साथ पीएमजीकेवाय योजनाओं को लाभर्थियों के बीच धरातल पर लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । हमें नाम मात्र का कमीशन मिलता है, जिससे मात्र 20 रु प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है जो आज के समय में अपर्याप्त है। उक्त बांते फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ने कही। फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने सोमवार को अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर रणधीर वर्मा चौक पर धरना दिया। रमेश सिंह ने कहा कि इसी व्यवसाय से सभी के परिवार का गुजारा, बच्चों की परवरिश, पढ़ाई, परिवारों की चिकित्सा, बेटियों की शादी से लेकर तमाम. पारिवारिक जरुरतों को पुरा करते हैं जो अब महंगाई के बढ़ते जाने से हमारी जरूरतें पुरी नहीं होती। हमें न तो सरकारी कर्मियों के समकक्ष दर्जा दिया जाता है, और न ही जीवनयापन के लिए – पर्याप्त कमीशन या प्रोत्साहन भत्ता (मानदेय) ही मिलता है। हमें कोरोना योद्धा का दर्जा तक नहीं दिया गया और न ही मृत विक्रेताओं के आश्रितों को मुआवजा ही दिया गया। राजस्थान सरकार ने 50 लाख दिए, गुजरात सरकार 25 लाख की घोषणा की और पश्चिम बंगाल ने 2 लाख देने का आदेश दिया। हमारी मांगों पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार किया जाना चाहिए। 9 सूत्री मांगों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना चला रहे देश के सभी विक्रेताओं की वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा अनुशंशित 440 रु प्रति क्विंटल खाद्यानों में कमीशन की राशि की स्वीकृति दिये जाने के साथ 50 हजार रूपये मासिक तक की निश्चित आय को सुनिश्चित किया जाय। चावल, गेंहू, चीनी जैसे खाद्य पदार्थों में एक किलो प्रति क्विंटल की हैंडलिंग लॉस देने पर बनी सहमति के आधार पर सभी राज्यों में इसे अविलम्ब लागू कराया जाय। सभी राज्यों के राशन दुकानों में देश की बड़ी आबादी को खाद्यानों के साथ खाद्य तेल और दाल की आपूर्ति प्रतिमाह के लिए स्वीकृति दी जाय। एलपीजी गैस जो देश के सभी जिलों में मौजूद डिस्ट्रीव्यूटरों के माध्यम से उपभोक्ताओं को संबद्ध कर वितरित करवाया जाता है। उसे राशन की दुकानों से भी कुछ उपभोक्‍ताओं की संबद्ध कर एलपीजी सिलिंडर की बिक्री करने का प्रावधान किया जाय, जिससे राशन दुकानों की व्यवहारिता में बढ़ोत्तरी हो सके और जनता को सहज और सुलभ रूप से इसका लाभ मिले। खाद्यान्नों को पुन: जुट बोरे में आपूर्ति करने का आदेश दिया जाय आदि मांगे शामिल रही। एसोसिएशन ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांगों पर विचार नही किये जाने की स्थिति में आगामी 2 अगस्त को संसद भवन के समक्ष धरना एवं प्रदर्शन को मजबूर हो जाएंगे।

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