धनबाद ब्यूरो
कतरास-(धनबाद) : बजरंग दल कतरास प्रखंड तथा विश्व हिन्दू परिषद के तत्वावधान में गीता जयंती पखवाड़ा (शौर्य दिवस) के अवसर पर मंगलवार को शौर्य संचलन को लेकर भव्य जुलूस निकाली गई। सैकड़ों की संख्या में लोग जुलूस के शक्ल में हाथों में भगवा ध्वज लहराते हुए प्रमुख चौक चौराहों से गुजरे। भक्ति गीतों में नाचते गाते तथा धार्मिक उद्घोष के साथ स्वास्तिक सिनेमा रोड से निकल कर पंचगढ़ी बाजार होते हुए नदी किनारे सूर्य मंदिर परिसर पहुंचे। जहां से जूलूस कतरास स्टेशन रोड में आयोजित सभा स्थल पहुंची। सभा स्थल पर भारत माता और प्रभु श्रीराम जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर सभा की शुरुआत किया गया। मंच पर विराजमान अतिथियों को भगवा अंगवस्त्र देकर कार्यकर्ताओं ने स्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन विकास बजरंगी और धन्यवाद ज्ञापन तापस दे ने किया। कतरास में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित शोर्य सभा कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप में सुविख्यात राष्ट्रीय सरस प्रवक्ता बाल विदुषी लाड़ली शरण जी महाराज वृंदावन धाम ने बजरंगियों को संबोधित करते हुए कहा – मनुष्य के जीवन में संगठन का बड़ा महत्व है। अकेला मनुष्य शक्तिहीन है, जबकि संगठित होने पर उसमें शक्ति आ जाती है। संगठन की शक्ति से मनुष्य बड़े-बड़े कार्य भी आसानी से कर सकता है। संगठन में ही मनुष्य की सभी समस्याओं का हल है। जो परिवार और समाज संगठित होता है वहां हमेशा खुशियां और शांति बनी रहती है और ऐसा देश तरक्की के नित नए सोपान तय करता है। इसके विपरीत जो परिवार और समाज असंगठित होता है, वहां आए दिन किसी न किसी बात पर कलह होती रहती है जिससे वहां हमेशा अशांति का माहौल बना रखता है। संगठित परिवार, समाज और देश का कोई भी दुश्मन कुछ नहीं बिगाड़ सकता, जबकि असंगठित होने पर दुश्मन जब चाहे आप पर हावी हो सकता है। संगठन का प्रत्येक क्षेत्र में विशेष महत्व होता है, जबकि बिखराव किसी भी क्षेत्र में अच्छा नहीं होता है। संगठन का मार्ग ही मनुष्य की विजय का मार्ग है। यदि मनुष्य किसी गलत उद्देश्य के लिए संगठित हो रहा है तो ऐसा संगठन अभिशाप है, जबकि किसी अच्छे कार्य के लिए संगठन वरदान साबित होता है। प्रत्येक धर्म ग्रंथ संगठन और एकता का संदेश देते हैं। कोई भी धर्म आपस में बैर करना नहीं सिखाता। सभी धर्मों में कहा गया है कि मनुष्य को परस्पर प्रेमपूर्वक वार्तालाप करना चाहिए। मनुष्य जब एकमत होकर कार्य करता है तो संपन्नता और प्रगति को प्राप्त करता है। संगठन में प्रत्येक व्यक्ति का विशेष महत्व होता है, इसलिए जब मनुष्य संगठित होकर कोई कार्य करता है तो उसके परिणाम में विविधता देखने को मिलती है।
मौके पर पधारे सुविख्यात राष्ट्रीय प्रखर प्रवक्ता युवा महन्त श्रीश्री 108 स्वामी सीताराम शरण महाराज ने कहा यह भी संभव नहीं है कि किसी विषय पर सभी व्यक्तियों का मत एक जैसा ही हो, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति किसी विषय या समस्या को अपने नजरिये से ही देखता है और इसी आधार पर उसका समाधान भी खोजता है, लेकिन जब बात संगठन की आती है तब मनुष्य को वही करना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों का भला हो। संगठन में प्रत्येक मनुष्य को अपनी व्यक्तिगत भावनाओं पर नियंत्रण करना होता है इसलिए संगठन में व्यक्ति को शारीरिक तौर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक व बौद्धिक रूप से भी समर्पित होना पड़ता है। मौके पर विहिप कमलेश सिंह, द्वारिका तिवारी, विकास बजरंगी, शंकर भगत, पप्पू यादव, आनंद महतो, रंजीत रवानी, तापस दे, सुषमा गुप्ता, दुर्गावाहिनी नेहा रवानी, सोनू सिंह, गोविंद,अनूप राय, लालू झा, अनिल महतो, मनोज कुमार, बिनोद, जितेंद्र दास, विकेश सिंह, रामचरित रॉय, उत्तम रवानी, विवेक अग्रवाल, अंकित साव, चंदन चक्रवर्ती, आनंद खंडेलवाल आदि मौजूद थे।