देवेंद्र

निरसा-(धनबाद) : कोरोना संक्रमण काल के पहले दिन से ही सरकार द्वारा “दो गज की दूरी मास्क है जरूरी” यह स्लोगन हर किसी के कानों तक पहुंचाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। इसे कोरोना के बचाव का मूल मंत्र मानकर हर किसी को पालन करने की बात कही जा रही है। पर अब महज यह मात्र स्लोगन बनकर ही रह गया है। ऐसा ही नजारा आज निरसा पार्षद मध्य विद्यालय में देखने को मिला। जहां लोग 18 वर्ष से 44 वर्ष के बीच वैक्सीन लेने पहुंचे थे। लोगों की कतारें वैक्सीनेशन केंद्र से लेकर बाहर सड़क तक पहुंच गई थी। लोग एक दूसरे से सटकर भीड़ भाड़ की स्थिति में खड़े थे। दो गज की दूरी तो देखने को नहीं मिली कितनो कर मुँह से तो मास्क भी गायब मिला। पर वहां ना पुलिस और ना ही प्रशासन का कोई अधिकारी इन बातों को सुनिश्चित करते नजर आया। वैक्सीनेशन केंद्र पर पहुंचे कुछ युवा वर्गों ने बताया कि व्यवस्था काफी अनियमित है। यहां लाइन लगवाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से कोई भी नहीं है। जिसके कारण लोग एक दूसरे से सटे हुए जल्द से जल्द अपना वैक्सीन लगवा कर जाने की फिराक में हैं। महिलाओं के लिए भी कोई अलग लाइन की व्यवस्था नहीं की गई है। एक ही लाइन में महिलाएं और पुरुष खड़े होकर काफी मुश्किल से वैक्सीन ले रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सारी जिम्मेवारी पुलिस, प्रशासन और सरकार की है ? क्या लोगों की कोई जिम्मेवारी नहीं है ? जब लोगों को अपनी ही जान की कोई फिक्र नहीं है तो वह देश और समाज की क्या चिंता करेंगे।

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