धनबाद ब्यूरो

कुमारधूबी-(धनबाद) : एमएसएमई सेक्टर के इंडस्ट्रीज को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य को ले भारत सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी द इनरजी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) व झारखंड रिफ्रेक्टरी मेन्युफेक्चरर्स एसोसिएसन चिरकुंडा (जेरमा) द्वारा संयुक्त रूप से एनर्जी एंड रिसोर्स मैपिंग ऑफ एमएसएमई क्लस्टर इन इंडिया विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में वर्चुअली रूप से जुड़े भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिसिएंसी (बीईई) के निदेशक मिलिंद देवरा ने कहा कि क्लस्टर सेमिनार के माध्यम से समस्याओं से अवगत कराएं । उसके बाद संबंधित मंत्रालय से संपर्क कर एक पॉलिसी बनाया जाएगा जिसका लाभ पूरे देश के रिफ्रेक्टरी निर्माता उठा सकेंगे । जेरमा के अध्यक्ष विशाल अग्रवाल ने कहा कि इस क्षेत्र की इंडस्ट्री की सबसे बड़ी समस्या बिजली व फ्यूल है । कोयला के स्थान पर यदि नेचुरल गैस उपलब्ध होता है तो यह सबसे अच्छा क्लस्टर साबित होगा। टेरी के अधिकारी पवन कुमार तिवारी व एएम घोष ने बताया कि भारत सरकार के 2030 के विजन के आलोक में रिफ्रेक्टरी इंडस्ट्रीज को विकसित करने के लिए तैयार किए जा रहे रोडमैप को ले सेमिनार का आयोजन किया गया है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर उत्पाद तैयार करने, ऊर्जा खपत कम करने, मेन पावर की स्थिति, कच्चा माल की उपलब्धता व तकनीक को लेकर एसोसिएसन के साथ चर्चा कर एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा जिसे ब्यूरो ऑफ इनरजी इफिसिएंसी को सौंपा जाएगा । यह सब नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया जा रहा है। कहा कि क्षेत्र में रिफ्रेक्टरी हब बनाने की जरूरत है ताकि सरकार द्वारा तैयार रोड मैप का लाभ सभी इकाई उठा सके और कम लागत पर बेहतर उत्पादन किया जा सके । इसके द्वारा ही रिफ्रेक्ट्रीज उत्पाद में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। मौके पर जेरमा अध्यक्ष विशाल अग्रवाल, सुशील गाडयान, बजरंग जालान, पन्नालाल रक्षित, राजेश कुमार, राज कुमार गुप्ता, अशोक चक्रवर्ती, अभय गुप्ता, बाबुल साह, अजय साव, विश्वनाथ दास, संजीव मजूमदार, अर्को रक्षित, राजदीप पचाल, अनिकेत रक्षित, डोली कुमारी, अनिरुद्ध रक्षित, केपी राय, अंकित गाडयान समेत अन्य उपस्थित थे ।

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