प्रेम प्रकाश

सिंदरी-(धनबाद) : बीआईटी सिंदरी मे अभियंता दिवस व हिन्दी दिवस के अवसर पर विचार संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसका विषय था “भारत के चहुमुखी विकास में अभियंताओं का अहम् योगदान”। कार्यक्रम की शुरूआत में भारत के महान अभियंता और भारत रत्न से सम्मानित मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को पुष्पांजलि अर्पित की गयी। स्वागत अधिष्ठाता आचार्य उपेन्द्र प्रसाद ने किया। इसके बाद सभी अधिष्ठाताओं व विभागाध्यक्षों ने अपने विचार प्रस्तुत किए, और कहा कि विश्वेश्वरैया जी भारत के महान इंजीनियर्स में से एक थे। जिन्होंने देशभरे में कई बांधों और कई पुलों के निर्माण मे अहम भूमिका अदा की थी और उनका ये योगदान देश कभी नही भुल सकता है। विश्वेश्वरैया जी की वजह से ही देश में पानी जैसी गंभीर समस्या भी दूर हुई थी। वक्ताओं ने कहा कि विश्वेश्वरैया जी के विचार वाक्य “मानवता की भलाई तथा देश के वातावरण को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें” से सीख लेना चाहिए। निदेशक आचार्य धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि आज के समय में तकनीक हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है। मोबाइल, इंटरनेट, ई-मेल, वीडियो कॉलिंग जैसी तकनीक ने सुविधाओं से हमारी जिंदगी को आसान और हाईटेक बना दिया है। हर कदम पर आधुनिक यंत्रों और तकनीक की आवश्यकता पड़ती है। यह सब संभव हो पाया है, इंजीनियरिंग की बदौलत। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. माया रे व संचालन डॉ. अरविन्द कुमार ने किया।

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