बिमल चक्रवर्ती
धनबाद : युवा भटकेगें तो देश भटकेगा। स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा को आप गौर से देखें तो आपको उनके तेज और ओज का पता चलेगा । विश्व में हिंदू संस्कृति एवं सनातन धर्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद आज युवाओं के आदर्श हों। शिकागो में भी इन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन को जब संबोधित किया तो दुनिया इस युवक को ललचाई भरी नजरों से देख रही थी। हमें अपने विभूतियों की प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। हमारा लक्ष्य स्वयं को, समाज को और देश को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए। इन्होंने विश्व को आध्यात्म का मार्ग दिखाया, इनका धेय वाक्य है। उठो जागो और तब तक ना रुको जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते । हमें इसका अनुसरण करना चाहिए। उक्त बातें राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने कही। वे विद्यालय के दो सभा गृहों में आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी के चरित्र से प्रभावित होकर एक विदेशी महिला भारत में भगिनी निवेदिता बनकर आज भी जन-जन में कौतूहल का कारण है।
हमारा देश विश्व में सबसे अधिक युवाओं वाला देश है, यही कारण है कि भारतीय विश्व के कोने- कोने में बड़े-बड़े पदों पर विराजमान हैं। विवेकानंद जयंती का प्रारंभ विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष दीपप्रज्जवलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ । इसका उद्घाटन प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा, उप प्राचार्या उमा मिश्रा, उप प्राचार्य मनोज कुमार, प्रभारी प्रतिमा चौबे, पार्थ सारथी सरकार एवं कमलनयन के हाथों संपन्न हुआ। युवा दिवस को भैया एवं बहनों ने संबोधित किया, जिसमें भैया आशीष आयुष दिलशाद, आलम, आशीष, विनीत, दिया, श्रुति, रेणुका, अनुष्का, दीपशिखा, प्रत्यूष हर्ष, प्रत्यूष चौबे, आर्य, सत्यम, कृष्णा, संस्कृति, आरती, आकृति, एवं शबाना के भी नाम शामिल हैं । विज्ञान के शिक्षक रतीश रंजन मिश्रा ने अपने संबोधन से कार्यक्रम को भावविभोर कर दिया, उनका संबोधन काफी रोचक एवं जानकारी पूर्ण था । इनके साथ शिक्षिका ज्योति बाला ने भी बच्चों को संबोधित किया। अंग्रेजी शिक्षक – शिक्षिका सुधीर जी- स्वाति जी एवं भैयाआदर्श ने गीत गाकर ओजपूर्ण वातावरण का निर्माण किया । मंच हिंदी विभाग प्रमुख संत कुमार श्रीवास्तव, विनय नारायण राय एवं हिंदी शिक्षिका अर्चना कुमारी ने किया।