धनबाद ब्यूरो

कुमारधुबी-(धनबाद) : राज्य सभी क्षेत्रों में प्रगति पथ पर अग्रसर दिखाई देता है, लेकिन भ्रष्टाचार पर हमारा सिर झुक जाता है। सरकार बदल जाती है, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं। न्यायालय के निर्देशों और सरकार के प्रयत्नों के बावजूद उच्चतम स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले उभरकर सामने आ जाते हैं। संविधान में कानून के प्रावधान के बावजूद सजा नहीं मिलना भ्रष्टाचार को रोकने की नाकामी और इसके प्रति कमजोर इच्छाशक्ति को दर्शाता है। ऐसे ही भ्रस्टाचार का एक मामला निरसा विधानसभा के एग्यारकुंड दक्षिण पंचायत का है। पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत पंचायतों में कराए गए कार्यों के भुगतान में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मनरेगा भुगतान की राशि जारी होने के कई महीनों बाद भी मजदूरों के खाते में न पहुंचकर दूसरों के खाते में चली गई है। इसके चलते मजदूर तो परेशान हैं क्योंकि मजदूर अब भुगतान के लिए दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक के निर्देश पर जिले के सभी पंचायतो में अंकेक्षण का कार्य चल रहा है। रांची से आई टीम ने पंचायतो में ग्राम सभा व भौतिक निरीक्षण कर काफी गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया है। जिसमे कई ऐसे मनरेगा मजदूर मिले जिनका मजदूरी का पैसा अब तक नहीं मिला है। या दूसरो के खातों से निकासी कर ली गयी है। बेचारे मजदूर अपने खून पसीने की कमाई के पैसो के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं। एग्यारकुंड दक्षिण पंचायत की रहने वाली मजदूर ब्यूटी सिन्हा कहती हैं कि आखिर उनके मज़दूरी के पैसो की निकासी किस तरह कर ली गयी है। उनका आरोप है कि उनका पैसा की और के एकाउंट में चला गया और और उसकी निकासी भी कर ली गई है।
इधर रांची से आयी जांच टीम के टीम लीडर कार्तिक वर्मा ने बातचीत में जब भ्रस्टाचार का खुलासा किया तो वहां मौजूद सभी लोग सन्न रह गए। श्री वर्मा ने बताया कि जांच के दौरान कई गड़बड़िया पाई गयी है। ऐसे कई मजदूर है जिनके पैसो की निकासी कर ली गयी है। लेकिन मजदूर के हाथ में उनकी मजदूरी नहीं मिली है। वही श्री वर्मा ने बताया कि जांच के दौरान एक ऐसा मामला भी सामने आया है जो सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला है। उन्होंने बताया कि पंचायत में रह रहे राकेश कुमार बाउरी का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसो की निकासी कर ली गयी है। लेकिन किसी तरह का आवास निर्माण कार्य नहीं हुआ है। श्री वर्मा ने बताया कि इसकी लिखित शिकायत राकेश बाउरी ने उन्हें दी है। साथ ही कई ऐसे मनरेगा मजदूर भी है, जिन्होंने लिखित शिकायत की है। कार्तिक वर्मा ने बताया कि यह सभी बातें वो आज होने वाली जन सुनवाई के दौरान रखने का काम करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ा सरकारी योजनाओ पर कब लगाम लगेगा और दम तोड़ती योजनाओ को आक्सीजन देने का काम केंद्र व राज्य की सरकार कब तक करती है। साथ ही भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के खिलाफ जाँच कर कार्रवाई भी की जाती है या फिर जाँच भी भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।
इधर हमने जब एग्यारकुंड दक्षिण पंचायत की मुखिया लक्खी देवी से जानना चाहा तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बस आफ द रिकार्ड यह कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है।

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