बिमल चक्रवर्ती

धनबाद: रेल मंत्रालय ने इस वर्ष पर्याप्त फंड उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर बोनस का भुगतान नही करने की मनसा जाहिर की थी। ऐसी स्थिति में एआईआरएफ ने स्पष्ट रूप से यह बात रखी कि रेलकर्मियों ने कोरोना काल में भी प्रतिबद्ध सेवा भावना से अपना काम किया है। कार्य दबाव के बावजूद रेलवे राजस्व अर्जन में कभी कमी नहीं आने दी है। कार्य प्रदर्शन के आलोक में महापर्व दुर्गा पूजा के अवसर पर रेलकर्मियों को बोनस का भुगतान नहीं करने से रेलकर्मियों में भारी आक्रोश होगा। उनके मनोबल में कमी आएगी जो रेल प्रशासन के लिए हितकर नहीं है। एआईआरएफ ने अपनी बात प्रधानमंत्री कार्यालय प्रेषित कर प्रधानमंत्री के भी संज्ञान में देने काम किया। एआईआरएफ के प्रतिवेदन और रेलकर्मियों की प्रतिबद्धता पर विचार करते हुए बुधवार को केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष के तर्ज पर इस वर्ष भी 78 दिनों के बोनस अधिकतम सिलिंग 17950 रूपये के भुगतान को कैबिनेट की बैठक में सहमति दे दी गई। इस फैसले से रेलकर्मियों को राहत मिली है, और ईसीआरकेयू के केंद्रीय पदाधिकारी डीके पांडेय, मो. जियाउद्दीन और ओपी शर्मा शाखा स्तर के पदाधिकारी ए के दा, एनके खवास, एनजे सुभाष, इंद्रमोहन सिंह, चंदन शुक्ला, बी के झा और बीके दुबे ने अपनी खुशी व्यक्त की है। इसके साथ ही जुलाई से मंहगाई भत्ते की वर्तमान दर में चार प्रतिशत की भी वृद्धि करने के निर्णय का भी ईसीआरकेयू ने समर्थन किया है। उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के मिडिया प्रभारी एन के खवास ने बताया कि रेलकर्मियों की जरूरत के लिए ईसीआरकेयू हमेशा संघर्षशील रहा है।

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